सारस पक्षी से इंसान की दोस्ती को देख कर,लोग बोले शोले फिल्म के जय बीरु को मात देदी 

दोस्ती की मिशाल बनी सारस पक्षी और आरिफ की कहानी घाव पर मरहम लगाने से सुरु हुई एक पक्षी और आदमी की दोस्ती यूपी के अमेठी में एक जंगली पक्षी STORK इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है जो एक युवक के छोटे से उपकार की बदौलत पिछले साल भर से लगातार अपने समुदाय कुल और परिवार को छोड़कर एक इंसान दोस्त के यहाँ दोस्त बन कर रह गया l
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STORK BIRD AND HUMAN FRIENDSHIP : यूपी के अमेठी में इंसान और एक सारस पक्षी की दोस्ती का अनोखा मामला सामने आया है एक साल पहले एक युवक की इस पक्षी से उस वक्त मुलाकात हुई जब वह अपनी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा था युवक ने सारस की जान बचाकर उसके दिल में अपने लिए प्रेम की जगह बना ली दोनों की दोस्ती और प्यार के बारे में आप यह जान कर हैरान रह जाएंगे कि हमारे और आप के परिवार के लोग सायद ही एक साथ खाना खाते हो लेकिन ऐ दोनों बगैर एक दूसरे के खाना तक नहीं खाते मोटरसाईकिल के साथ साथ दुकान पर जाना, एक साथ आना  वो भी अलग अलग तरीके से आरिफ बाइक से जाते है तो सारस अपने पंखो के सहारे उड़ कर जरा सोचिए क्या इंसान इस तरिके से दोस्ती को निभा पाएंगे इनकी दोस्ती की खासियत यह है की इसमें एक तो इंसान है और दूसरा बेजुवान पक्षी l

आइए जानते है विस्तार से कि सारस और इंसान के बीच दोस्ती का मामला क्या है 

पूरा मामला उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद की सदर तहसील गौरीगंज के ग्राम पंचायत मंडखा मजरे औरंगाबाद का है मंडखा गांव के रहने वाले मोहम्मद आरिफ एक साल पहले खेतों में काम करने के लिए गए हुए थे तभी वहाँ उस खेत में  एक सारस पक्षी घायल अवस्था में उन्हें दिखाई पड़ा जिसका पैर टूटा हुआ था जिसके चलते वह चल नहीं पा रहा था। आरिफ ने जैसे ही उसे देखा उस जंगली पक्षी सारस को घायल अवस्था में देखा तो उनके मन में उस के प्रति दया का भाव उत्पन्न हो गया , उसे उठाकर अपने घर ले आए । घर लाने के बाद आरिफ ने उसके पैर का ट्रीटमेंट (उपचार) करने लगे भोजन पानी के साथ -साथ निरन्तर बेहतर उपचार  के बाद धीरे-धीरे उसका पैर ठीक होने लगा कुछ दिनों में घायल सारस पक्षी पूरी तरह से ठीक हो गया  । 

आरिफ को उम्मीद थी कि ठीक होते ही सारस उड़ कर अपने परिवार में चला जायेगा 

ARIF बताते हैं कि उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि जैसे ही वह ठीक हो जाएगा वह पुनः उड़कर जंगल में अपने कुल और परिवार के पास चला जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ । वह सारस पक्षी ठीक होने के बावजूद वह वहीं पर आरिफ के साथ ही रहने लगा। सबसे बड़ी बात तो यह है कि सारस पक्षी आरिफ के घर में रहता है बाहर घूमता रहता है। आरिफ चाहे जैसे ही उसके साथ पेश आए वह कुछ नहीं कहता है लेकिन आरिफ के घर के अन्य दूसरे लोग उसे छू तक नहीं सकते हैं वह उन्हें काटने दौड़ता है। यही नहीं आरिफ से सारस का इतना अधिक लगाव देखा गया है कि आरिफ को घर से बाहर जाता देख सारस उनके पीछे-पीछे चला जाता है। 

 अपने दोस्त की बाइक का पीछा नहीं छोड़ता सारस अपने पंखो के सहारे उनके ऊपर उड़ान भरकर साथ साथ चलता है 

जब भी आरिफ कहीं पर बाइक लेकर जाते हैं तो वह उनके ऊपर हवा में उड़ता रहता है और नीचे आरिफ बाइक से चलते रहते हैं। आरिफ बताते हैं कि बाइक से 50 से 60 की स्पीड में वह 30–40 किलोमीटर तक चले जाते हैं और सारस उनका पीछा करते हुए ऊपर उड़ान भरकर उनके साथ साथ चलता रहता है। जहां पर भी वह रुकते हैं उनके साथ रुक जाता है और फिर चलने लगता है। जब वह घर वापस आते हैं तब वह भी वापस आ जाता है। निश्चित रूप से यह एक अजीबोगरीब सच्ची घटना देखने और सुनने को मिलती है। आरिफ बताते हैं कि कभी-कभी यह जंगल की ओर जाता है अपने दोस्तों और परिवार वालों से मिलकर वापस मेरे घर चला आता है यह जंगल में रुकता नहीं है। 

सारस को लेने आते है जब उसके परिवार के लोग तो उनकी नजरो से छिपकर घर में चला जाता है 

सबसे बड़ी बात तो यह है कि जब भी  सारस झुंड में उसको ले जाने के लिए आते हैं तो वह बाहर से भागकर घर के अंदर चला जाता है। ना  उनसे मिलता है न तो  उनके साथ जंगल जाता है। ऐसे में जब कभी कबार जब उसका मन करता है तभी वह जाता है अन्यथा वह जंगल की ओर देखता तक नहीं है। आरिफ जब सारस को साथ नहीं ले जाना चाहते हैं तो उन्हें सारस पक्षी से छिपकर पैदल ही घर से दूर जाना पड़ता है और वहीं पर वह बाइक मगवाकर अपने गंतव्य की ओर चले जाते हैं। वह घर से ही बाइक से किसी भी कीमत पर अकेले नहीं जा सकते हैं क्योंकि वह सारस पक्षी हर कीमत पर उनका साथ छोड़ना नहीं चाहता उनके साथ साथ चला जाता है। लंबे समय से साथ रहने के कारण अब आरिफ का भी  मन उस सारस पक्षी में लगा रहता है अब वह  उसे छोड़ने को तैयार नहीं है। आरिफ बराबर सारस का ध्यान रखते हैं उसको देसी अंडे के साथ-साथ तरह-तरह के खाद्य पदार्थ खिलाते हैं और उसकी सेवा करते हैं। जब कभी एकाध दिन आरिफ घर से बाहर रहते हैं और वापस घर पर पहुंचते हैं तो सारा उन्हें देखकर नाचने लगता है और उनके साथ खेलने कूदने और उछलने लगता है। कहीं ना कहीं एक छोटे से उपकार के बदौलत सारस की इस स्वामी भक्ति को देखकर ऐसा लगता है कि मनुष्य को इस प्रकार के पशु पक्षियों से सीख लेनी चाहिए इन दोनों की कहानी इंसानो के लिए अब दोस्ती की मिशाल बन गई है 

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