अभिषेक चतुर्वेदी का IAS में हुआ चयन,बोले प्रतिभाओ को एक्सपोज की जरूरत है
UPSC RESULT 2023: उतर प्रदेश के बलिया जनपद के चैनछपरा निवासी विनय कुमार चतुर्वेदी के पुत्र अभिषेक चतुर्वेदी का आईएएस में चयन हुआ है परिवार से लेकर उनके चाहने वाले उनकी कामयाबी से गदगद है यूपीएससी में 179 वें रैंक पर चयन होने पर प्रोफेसर डॉअखिलेश्वर शुक्ला, पूर्व प्राचार्य विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान, राजा श्री कृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय जौनपुर ने प्रशन्नता ब्यक्त करते हृदय से बधाई एवं शुभकामना ब्यक्त करते हुए प्रशासनिक सेवा में कुछ नया और अलग करने की अपेक्षा किया है। उन्होंने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग का परिणाम -युवा वर्ग को सबक लेने की आवश्यकता यूपीएससी परीक्षा-2022 का परिणाम घोषित होते ही बिहार एवं पूर्वांचल के बहुत सारे सामान्य परिवारों -रिस्तेदारों में खुशी का माहौल है।
ज्ञात हो कि प्रोफेसर शुक्ला के रिस्तेदारी में होने के कारण बिलासपुर में रह रहे अनुज भाई अरविंद शुक्ला जहां ABHISHEK CHATURVEDI अपने पिता विनय कुमार चतुर्वेदी जो रेलवे में चीफ कंट्रोलर के पद पर कार्यरत हैं- के साथ रह कर प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त किया ,तथा बी.टेक. एस.आर.एम. चेन्नई से करने के बाद लगातार तीसरी परीक्षा में यह सफलता अर्जित की है।घर परिवार नात रिस्तेदारों में खुशी का माहौल है और लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर कर रहे हैं।
चयनित अभिषेक चतुर्वेदी ने यह कहा कि पिछड़े क्षेत्रों और गांवों में भी प्रतिभा है। केवल उसे एक्सपोजर एवं एक कुशल निर्देशन (गाईड) की आवश्यकता है। जिसके लिए बाहर ( दिल्ली आदि जगहों पर) जाने की आवश्यकता होती है। प्रोफेसर डॉ अखिलेश्वर शुक्ला ने यह भी रेखांकित किया है कि किसी भी क्षेत्र में लड़कियों को आगे जाने एवं युवाओं के पिछड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका वर्तमान सामाजिक -राजनीतिक परिवेश की है। खास कर राजनीतिक पदों को प्राप्त करने या किसी के पीछे लगकर बिना परिश्रम अपने भविष्य को संवारने में आज के युवा जुटे हुए हैं। यही कारण है कि चार प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली लड़कियां ही हैं।
जिसमें से प्रथम दो पिछड़े क्षेत्र बिहार से हैं। प्रोफेसर शुक्ला ने युवकों को सफल जीवन एवं उज्जवल भविष्य के साथ साथ राष्ट्रीय विकास के लिए नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहने एवं सकारात्मक सोंच को बिकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया है। साथही यह भी कहा कि आज के समस्याग्रस्त युवा वर्ग को एक चयनित सूरज ञिपाठी जिसके दोनों पैर और एक हाथ नही है। एक हाथ है भी तो केवल दो अंगुली एक अंगुठा हीं है। उसने सिद्ध कर दिया कि जज्बा और जुनून हो तो कुछ भी असम्भव नहीं है। सभी चयनित होनहारों को बधाई शुभकामनायें प्रेषित करते हुए- नवीन दायित्व के साथ भारत के नव निर्माण में अहम भूमिका निभाने की अपेक्षा पुरा देश करता है ।
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