प्रधानमंत्री के उद्बोधन में इस सड़क की चर्चा के बाद गरम हो गयी थी जौनपुर की सियासत

प्रधानमंत्री के उद्बोधन में इस सड़क की चर्चा के बाद गरम हो गयी थी जौनपुर की सियासत

निजाम बदला लेकिन नहीं बदले खेतासराय-खुटहन मार्ग के हालत

  • पूरी तरह से टूट कर गड्ढे में तब्दील हो चुकी है सड़क

खेतासराय (जौनपुर) खेतासराय-खुटहन मार्ग लगभग दस किमी सड़क अपनी दुर्दशा को लेकर देश के पटल पर उस समय चर्चाओं में आ गयी थी। जब इसकी दुर्दशा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सन 2017 के सपा कांग्रेस गठबंधन पर जौनपुर में चुनावी सभा के दौरान तंज कसते हुए कहा था कि यदि खेतासराय-खुटहन मार्ग पर अखिलेश यादव अपने नए यार के साथ साईकिल चला लें तो सपा को खुद वो भी वोट नही देंगे। लेकिन लगातार डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी इस इस मार्ग की तस्वीर नहीं बदली बल्कि उससे बदस्तर हो चुकी है।

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इस मार्ग पर जिले का सबसे बड़ा ब्लॉक शाहगंज सोंधी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राजकीय पशुपालन चिकित्सालय, इंडेन गैंस एजेंसी, समेत दर्जनों विद्यालय है। फिर भी हालत बद से बत्तर है। इस मार्ग के बारे में कई नेता बोलने और बताने में कतराते रहते है। ऐसे क्यों हो रहा है यह बात लोगों के समझ से परे है। अभी हाल में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का भी जौनपुर में आगमन हुआ था। लेकिन इस मार्ग के बारे में बोलना और ध्यान देना भी मुनासिब नहीं समझा।

जौनपुर में रिंग रोड सहित तमाम मार्ग और बाईपास की सौगात दी तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में क्रेडिट लेने के लिए होड़ मची गयी है। लेकिन जिस मार्ग की चर्चा देश के प्रधानमंत्री चुनावी सभा मे अपने उद्बोधन में ज़िक्र किया उस मार्ग की दुर्दशा को लेकर सत्तापक्ष के नेता पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। उस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे है। लोगों में अब चर्चा है कि प्रधानमंत्री द्वारा चुनावी भाषण के दौरान कही गई बातें मात्र जुमला थी? ऐसे में सवाल उठता है की जनपद के नेता या केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का ध्यान खेतासराय-खुटहन मार्ग पर क्यों नहीं गया। क्या प्रधानमंत्री द्वारा खेतासराय-खुटहन मार्ग की दुर्दशा को लेकर विपक्ष पर तंज कसना चुनाव में लोकप्रियता के लिए थी? उक्त मार्ग की बदतर हालात के बारे में क्षेत्रीय लोगों की राय।

खेतासराय-खुटहन मार्ग पर पर्यटन स्थल पूर्वांचल का सबसे बड़ा गुजरताल है जो कभी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हुआ करता था। मार्ग खराब होने के कारण पर्यटकों का आवागमन बन्द हो चुका है। इसी मार्ग पर स्थित सर्वोदय इण्टर कालेज खुदौली जहां एनसीसी है। इसी विद्यालय को चुनाव के समय नोडल बनाया जाता है, जो पंचायत चुनाव का मतगणना स्थल भी होता है। इसी मार्ग पर फायर ब्रिगेट स्टेशन, खुदौली वन पार्क भी है। खराब सड़क होने के कारण अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। गड्ढे में तब्दील हुई सड़क से सफर करना राहगीरों के लिए बहुत ही कष्टदायक है।


अनिल कुमार उपाध्याय प्रधानाचार्य
(सर्वोदय इण्टर कालेज खुदौली)

कुसुम सिंह एडवोकेट (संचालक इण्डेन गैस सर्विस खेतासराय)ने बताया कि  खेतासराय-खुटहन मार्ग पर जिंदा तो जिंदा मुर्दे भी करते हैं सफर इसी मार्ग पर पिलकिछा शमसान घाट सुतौली शमसान घाट हैं। जहाँ पर इस पूरे क्षेत्र का दाह संस्कार होता है। अंतिम संस्कार के लिए इन्ही मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है। औद्योगिक दृष्टि से भी यह मार्ग महत्वपूर्ण है। बावजूद इसके इसका सुधि लेने वाला कोई नहीं है।


कलापुर निवासी (कांग्रेस नेता) जौहर अब्बास ने कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जी ने जौनपुर के एक चुनावी सभा मे तंज करते हुए कहा कि यदि खेतासराय-खुटहन मार्ग पर अखिलेश यादव अपने नए यार के साथ सायकिल चला लें तो सपा को खुद वो भी वोट नही देंगे उस दौरान यह मार्ग देश दुनिया के पटल पर आ गया लेकिन लगातार डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी इस इस मार्ग की तस्वीर नही बदली। जिससे राहगीरों और विद्यार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

उक्त मार्ग राष्ट्रीय राज्यमार्ग को जोड़ता है। इसके कारण बड़ी संख्या में वाहनों का आवागमन होता है लेकिन खराब सड़क की दुर्व्यवस्था के कारण क्षेत्र के लोग 20 किमी दूर घूमकर नेशनल हाइवे पकड़ते है। जो क्षेत्रवासियों का दुर्भाग्य है अरुण कुमार राजभर (पूर्व प्रधान अहिरोपरशुरामपुर)

रिशु श्रीवास्तव (सोंधी निवासी छात्र) ने कहा कि इस मार्ग पर दर्जनों शैक्षणिक संस्थाएं है। भारी संख्या में छात्रों का आवागमन होता है लेकिन रास्ता खराब होने के कारण छात्रों को समस्या होती है। जलजमाव होने के कारण वाहनों से छीटा पड़ने से ड्रेस खराब हो जाती है। छात्र सड़क पर भारी-भरकम खड्ढे होने के कारण छात्र प्रतिदिन गिरकर चोटहिल हो जाते है। छात्रों के लिए बड़ी दिक्कत होती है। जनप्रतिनिधि छात्रों के हित की तो बात करते हैं लेकिन छात्रों की समस्याओं का कोई निदान नहीं करते।

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