Home संपादक की कलम Journalism साहित्य समाज की दशा और दिशा दोनों बदल सकते हैं

साहित्य समाज की दशा और दिशा दोनों बदल सकते हैं

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जौनपुर: कविताएं सुनना और सुनाना अतीत काल से ही आनंद का विषय रहा है। कविताओं के माध्यम से जहां एक ओर समाज को संदेश प्रदान किया जाता है, वहीं दूसरी ओर लोगों को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक भी किया जाता है। कुछ ऐसा ही काम परिषदीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका नूपुर श्रीवास्तव ने किया है। उन्होंने अपनी काव्य संग्रह पुस्तिका ‘नूपुर’ प्रकाशित करायीं हैं। उन्होंने जीवन के कई रंग अपनी कविताओं के माध्यम से पाठकों के समक्ष रखा है।


इस पुस्तक ‘नूपुरʼ में समाज व नारी से जुड़ी हुई रचनाओं को समाहित किया गया है, जो एक ओर शब्दों की लय से पाठकों को आनंद प्रदान करेगी, वहीं दूसरी ओर समाज को संदेश देगी। इस पुस्तक का लोकार्पण इन्होंने अपने शिक्षाप्रद फ़िल्म सरजी के सभी शिक्षक साथी निर्देशक शिवम सिंह, लेखक प्रेम तिवारी, कलाकार राकेश सिंह, मीरा कन्नौजिया जी के उपस्थिति में कराया।

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