Saturday, July 19, 2025
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JAUNPUR:जौनपुर का नया जिला कारागार बनाने में लगेंगे 179.79 करोड़ 

Rs 179.79 crore will be spent in building the new district jail of Jaunpur

JAUNPUR NEWS: जौनपुर l 179.79 करोड रुपए की लागत से बन रहे निर्माणाधीन जिला कारागार का आज डीएम ने औचक निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा कार्य की प्रगति, गुणवत्ता और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए।उन्होंने निर्माण कार्य की प्रगति,श्रमिकों की संख्या आदि की जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि निर्माण कार्य के दौरान प्रयुक्त होने वाली सामग्री उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए तथा कार्य की गुणवत्ता मानक के अनुरूप होनी चाहिए। उन्होंने कार्यदाई संस्था के प्रतिनिधि को शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कार्य की प्रगति पर संतोष जताया। जिलाधिकारी ने श्रमिकों से संवाद भी किया और कहां कि सभी श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अवश्य होना चाहिए।

JAUNPUR NEWS N0 2- जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी के द्वारा  आर्यभट्ट सभागार में शनिवार को उद्योग-अकादमिक संपर्क कार्यक्रम के अंतर्गत उद्योग-अकादमिक सहयोग के माध्यम से अगली पीढ़ी की प्रतिभा को सशक्त बनाना: रणनीतियाँ और आगे का रास्ता विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान पीयू-कैट 2025 के ब्रोशर का विमोचन भी किया गया।कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अडानी इंफ्रा इंडिया लिमिटेड के रणनीति एवं डिजिटल सलाहकार एवं पूर्व प्रमुख  तकनीकी-वाणिज्यिक संजीव कोठारी ने कहा कि पूर्वांचल में उद्योग अकादमिक सहयोग की अपार संभावनाएं है। उद्योग और अकादमिक समन्वय का दोनों को फायदा मिलता है। इंडस्ट्री का फायदा है कि उन्हें कुशल लोग मिल जाते है और उन्हें प्रशिक्षण नहीं देना पड़ता। अकादमिक लाभ शिक्षक प्रशिक्षण, प्रासंगिक पाठ्यक्रम, बेहतर प्लेसमेंट, वित्तपोषित प्रयोगशालाएँ और अनुसंधान है।


उन्होंने कहा कि उद्योग और अकादमिक संस्थानों के बीच गैप को हटाना होगा। साथ ही डिग्रीधारी युवाओं के कौशल की गुणवत्ता को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि डिग्री बस एक शुरुआत है, ज़िंदगी का हर कदम इम्तिहान है। अंक नहीं, हौसला रंग लाता है, सपनों की राह साहस दिखाता है।


उन्होंने कहा कि संस्था और अकादमी संस्थाओं के साथ समन्वय की बहुत सारी चुनौतियां हैं. उद्योगों को चिन्हित कर अकादमी  संस्थानों को तैयारी करनी चाहिए। उद्योग के साथ विद्यार्थियों का इंगेजमेंट बहुत आवश्यक है। अकादमी संस्थान उद्योग से संपर्क करें और यह जाने कि उनकी क्या जरूरत है और उसके अनुरूप पाठ्यक्रम का  निर्माण करें।
कुलपति प्रो वंदना सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के ज्ञान का उपयोग अगर उद्योग नहीं पा रहे है तो यह चिंता का विषय है। उद्योग और अकादमिक दूरी को कम किया जाएगा। विश्वविद्यालय इस दिशा में हर स्तर पर काम करेगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों के साथ मिलकर शोध भी किया जायेगा जिससे अधिक से अधिक लोगों को उसका लाभ मिल सके।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह,  सेंट्रल ट्रेनिंग, प्लेसमेंट एंड एक्यूवेशन सेंटर के प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रबंध अध्ययन संकाय के अध्यक्ष प्रो. अजय द्विवेदी ने भी विचार प्रस्तुत किए।कार्यक्रम का संचालन आइक्यूएसी के समन्वयक प्रो. गिरिधर मिश्र ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ धीरेन्द्र चौधरी ने किया।


इस अवसर पर पूर्व कुलसचिव बी एल आर्य, प्रो. मानस पांडे, प्रो प्रमोद यादव, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. राजेश सिंह, प्रो. अजय प्रताप सिंह, शिक्षक संघ के अध्यक्ष राहुल सिंह, महामंत्री शैलेन्द्र सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. देवराज, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. बीडी शर्मा, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. मिथिलेश सिंह, डॉ. आशुतोष सिंह , डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ.रसिकेश, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव , डॉ. आई. आर.पाठक, डॉ. प्रियंका सिंह  समेत परिसर एवं महाविद्यालयों के शिक्षक शामिल रहे।

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