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  • डाँ.कपिलदेव के दीर्घायु और पूर्ण स्वस्थ रहने की मंगल कामना

    डाँ.कपिलदेव के दीर्घायु और पूर्ण स्वस्थ रहने की मंगल कामना

    MUMBAI NEWS : डाँ.कपिलदेव प्रसाद मिश्र (वाराणसी) का जन्मदिन मुम्बई में डाँ.कृपाशंकर मिश्र के निवास गोरेगांव पश्चिम मुम्बई में पारिवारिक परिवेश में 1 जनवरी बुधवार को सायंकाल स्नेहपूर्ण और सादगी से मनाया गया। परिवार के सभी लोगों ने मिलकर डाँ.कपिलदेव के लिए दीर्घायु और पूर्ण स्वस्थ रहने की मंगल कामना की,दीप जलाकर रोली-अक्षत और पुष्प से स्वागत करते हुए जन्मदिन की अनेकानेक बधाइयां दी गयी। डाँ.कृपाशंकर मिश्र का पूरा परिवार ऐसे आतिथ्य से अभिभूत हो गया l


    आपको बता दें डॉक्टर कृपा शंकर मिश्रा देश के जाने-माने साहित्यकार हैं उनकी एक के बाद एक कई रचनाएं कई किताबें लोगों के बीच जिनकी लोकप्रियता भी देखने को मिली है जन्मदिन के इस अवसर पर डॉक्टर कृपा शंकर ने मीडिया से बातचीत करते हुए शुभकामनाएं दिया l

  • Former Prime Minister of India Dr. Manmohan Singh passes away

    Former Prime Minister of India Dr. Manmohan Singh passes away

    Former Prime Minister of India Dr. Manmohan Singh passes away at the age of 92

    नई दिल्ली :भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के aiims में निधन आज रात्रि उनको aiims के इमरजेंसी वार्ड में 8 बजे भर्ती कराया गया था लम्बे समय से स्वास्थ समस्याओ से जूझ रहे थे Dr.Manmohan Singh को देखने के लिए स्वास्थ मंत्री जेपी नड्डा पहुंचे थे aiims डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सामने आने के बाद पूरे देश में शोक की लहर देखने को मिल रहा है कांग्रेस के बड़े नेता सोशल मीडिया पर शोक ब्यक्त कर रहे है l

    डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे और वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता । उनका कार्यकाल 2004 से 2014 तक था। वे एक अत्यंत विद्वान और अनुभवी अर्थशास्त्री के रूप में प्रसिद्ध। उनकी नीतियों और निर्णयों ने भारत के आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव डाला।



    Dr. Manmohan Singh की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

    डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गहरी शेखपुरा गाँव (जो अब पाकिस्तान में स्थित है) में हुआ था। उनका पालन-पोषण विभाजन के बाद भारत में हुआ था। उनके पिता का नाम गुलजार सिंह था, जो एक सरकारी कर्मचारी थे। मनमोहन सिंह के जीवन में बचपन से ही शिक्षा का बड़ा महत्व था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब में प्राप्त की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की और फिर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से D.Phil. (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) की डिग्री हासिल की।

    Dr. Manmohan Singh का पेशेवर जीवन


    डॉ. मनमोहन सिंह एक कुशल अर्थशास्त्री थे और उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय योजना आयोग में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई। वे 1982 में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर बने और उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए कई सुधारों की शुरुआत की। इसके बाद, 1991 में, जब भारत आर्थिक संकट से जूझ रहा था, डॉ. सिंह को वित्त मंत्री बनाया गया। उनका कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए, जिनमें बाजार आधारित अर्थव्यवस्था, विदेशी निवेश को बढ़ावा देना, और व्यापार नीति में उदारीकरण शामिल थे।

    Dr. Manmohan Singh का  प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल (2004–2014)


    डॉ. मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनका प्रधानमंत्री बनने का रास्ता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा गठबंधन सरकार बनाने के बाद आया, जिसमें उनका नेतृत्व महत्वपूर्ण था।

    उनकी सरकार ने भारत में कई सुधारों को लागू किया और वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया। प्रमुख पहलुओं में शामिल थे:
    1. आर्थिक विकास*: उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था में तेज़ी से वृद्धि हुई, और भारत एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा।
    2. सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र में वृद्धि उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा दिया, जिससे भारत में रोजगार के अवसर बढ़े और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान हुआ।
    3. परमाणु समझौता (India-US Nuclear Deal) डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने 2005 में भारत और अमेरिका के बीच एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो भारत को परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए वैश्विक परमाणु आपूर्ति बाजार से जुड़ने का अवसर प्रदान करता था।
    4. महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA): इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करने की व्यवस्था की गई।

    Dr. Manmohan Singh चुनौतियाँ और आलोचनाएँ


    उनके प्रधानमंत्री रहते हुए कई बड़े संकट और विवादों का सामना करना पड़ा। उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार के कुछ बड़े मामले सामने आए, जैसे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला और कोल घोटाला। इसके अलावा, कई लोगों ने उन्हें “निर्विवाद” नेता के रूप में देखा और यह आलोचना भी की कि उन्होंने सत्ता में रहते हुए ज्यादा निर्णायक नेतृत्व नहीं दिखाया। इसके बावजूद, वे एक शालीन और शांतिपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं और उन्हें एक ईमानदार और संजीदा नेता के तौर पर माना जाता है।

    Dr. Manmohan Singh का व्यक्तिगत जीवन


    डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी का नाम गुरशरण कौर है, और उनके दो बेटियाँ हैं। वे एक निजी और सरल जीवन जीते हैं और सार्वजनिक जीवन से दूर रहकर परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। वे एक संयमित और शालीन व्यक्तित्व के मालिक हैं, और अपनी संवेदनशीलता और विवेकपूर्ण निर्णयों के लिए जाने जाते हैं।

    Dr. Manmohan Singh को पुरस्कार और सम्मान


    डॉ. मनमोहन सिंह को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें से कुछ प्रमुख पुरस्कार निम्नलिखित हैं:


    1. भारत रत्न (2019): यह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे उन्हें 2019 में प्रदान किया गया।
    2. आर्थिक नीति के क्षेत्र में योगदान: उन्हें भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं।

    डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे । उनके नेतृत्व में भारत ने कई आर्थिक सुधारों को लागू किया और वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने हमेशा देश की भलाई को सर्वोपरि रखा और अपनी ईमानदारी और निष्कलंक छवि के कारण जनता के दिलों में विशेष स्थान बनाया।ऐसे महान पुरुष को भाव भीनी श्रदांजलि l

  • भारतीय चुनावों में पेपर बैलेट प्रणाली जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

    भारतीय चुनावों में पेपर बैलेट प्रणाली जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

    भारतीय चुनावों में पेपर बैलेट प्रणाली को फिर से लागू करने की जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

    • Paper ballot system in Indian elections: Supreme Court rejects PIL
    नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने आज भारतीय चुनावों में पेपर बैलेट प्रणाली को फिर से लागू करने की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया।न्यायालय ने याचिकाकर्ता के ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों को खारिज कर दिया, जिसमें उन नेताओं की असंगतता को उजागर किया गया जो ईवीएम की विश्वसनीयता पर तभी सवाल उठाते हैं जब वे चुनाव हार जाते हैं।
    याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने टिप्पणी की: “अगर आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती। जब आप चुनाव हारते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ होती है। जब चंद्रबाबू नायडू हारे तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है। अब, इस बार जगन मोहन रेड्डी हारे तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है।” न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति पी.बी. वराले की पीठ ने इस मामले में कोई योग्यता नहीं पाई। याचिकाकर्ता डॉ. कौल की दलीलें। न्यायमूर्ति नाथ ने टिप्पणी की, राजनीतिक दल इस सिस्टम से मुझे कोई परेशानी नहीं है। आपको परेशानी है।
  • मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर विश्व में शोक की लहर-हुकुम उदय प्रताप सिंह

    मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर विश्व में शोक की लहर-हुकुम उदय प्रताप सिंह

    मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर विश्व में शोक की लहर- हुकुम उदय प्रताप सिंह

    MUMBAI :मशहूर समाजसेवी व उद्योगपति हुकुम उदय प्रताप सिंह ने बताया कि स्वर्गीय रतन टाटा के आज हमारे बीच नहीं रहे जिससे देश को भारी क्षति हुई है जिसको कभी भी पूरा नहीं किया जा सकता आपको बता दें हुकुम उदय प्रताप सिंह ने बताया कि वह भी प्रेरणा मानते थे रतन टाटा जी कोl सादगीपूर्ण जीवन के लिए दुनिया हमेशा करेगी याद रतन टाटा दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे, फिर भी वह कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए. उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं जो छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली थीं, इसके बावजूद वह एक सादगीपूर्ण जीवन जीते थे.रतन नवल टाटा का बुधवार रात को 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. सरल व्यक्तितत्व के धनी टाटा एक कॉरपोरेट दिग्गज थे l

    जिन्होंने अपनी शालीनता और ईमानदारी के बूते एक अलग तरह की छवि बनाई थी. रतन टाटा 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से वास्तुकला में बी.एस. की डिग्री प्राप्त करने के बाद पारिवारिक कंपनी में शामिल हो गए. उन्होंने शुरुआत में एक कंपनी में काम किया और टाटा समूह के कई व्यवसायों में अनुभव प्राप्त किया, जिसके बाद 1971 में उन्हें (समूह की एक फर्म) ‘नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी’ का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया. आज देश के कई जाने माने लोगो ने शोक जताया प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने गहरा दुख प्रकट किया, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सहित कई बड़े राज नेता ने दुख प्रकट किया आपको बतादे हुकूम उदय पप्रताप सिंह सहित कई बड़े उद्द्योगपति ने गहरा दुख जताया l

  • बदलापुर के विधायक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने अमेरिका जाएंगे

    बदलापुर के विधायक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने अमेरिका जाएंगे

    #बदलापुर के विधायक रमेश मिश्रा अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने यूएसए जाएंगे।

    Badlapur MLA ramesh mishra will go to America to participate in the international summit.

    JAUNPUR NEWS : जौनपुर जिले के बदलापुर के विधायक रमेश चंद्र मिश्र राज्य विधान मंडलों के अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन 2024 में भाग लेने अमेरिका जाएंगे। उनकी यह यात्रा 11 दिवसीय है। जिसमें वह शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद अमेरिका में विभिन्न पहलुओं पर जानकारी लेते हुए अनेक कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

    यह शिखर सम्मेलन यूएसए के केंटकी प्रांत के लुइसविले शहर में 6 अगस्त से 8 अगस्त तक चलेगा। इसका आयोजन अमेरिका की अग्रणी संस्था एनसीएसएल और एनएलसी भारत के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है। श्री मिश्र के साथ उत्तर प्रदेश के 6 विधायक भी जा रहे हैं , जिसमें राजेश चौधरी राजीव सिंह बब्बू भैया संजय शर्मा, धीरेंद्र सिंह, डॉक्टर सुरभि, प्रिंस सिंह शामिल है। पूरे पूर्वांचल क्षेत्र से रमेश चंद्र मिश्र  इकलौते विधायक हैं जो इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

    इस बारे मे बदलापुर के विधायक रमेश मिश्र ने बताया कि यह शिखर सम्मेलन में यूएसए के विधायी नेताओं, कर्मचारी विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं की सबसे बड़ी सभा है। शिक्षा, नेटवर्किंग और प्रेरणा से भरा वातावरण बनाती है। यह सम्मेलन विधायी साथियों और नीति नवप्रवर्तकों से जुड़ने का अवसर देता है। इस सम्मेलन में मिलने वाले विचार को अपने देश में क्रियान्वित करने के लिए प्रोत्साहित किया सकता हैं। इस वर्ष हमें राज्य विधानसभाओं और भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों के सम्मानित विधायकों की भागीदारी को सक्षम करने के लिए एनएलसी भारत के साथ सहयोग करने का सौभाग्य मिला है।


    कार्यक्रम में अमेरिकी विधायकों और विधायी कर्मचारियों के साथ जुड़ने और ठोस नीति चर्चा में शामिल होने के अवसर प्रदान होगा। अंतर्राष्ट्रीय उपस्थित लोगों के भाग लेने के लिए पूरे सम्मेलन में विशेष कार्यक्रम, दौरे और सत्र आयोजित है। सम्मेलन में अपने समुदायों में महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने के लिए विचार, रणनीतियाँ और समाधान पर चर्चा होगी। व्यावसायिक विकास कार्यशालाएँ और नेटवर्किंग कार्यक्रम भी होगा जहाँ  विधायी सहयोगियों से जुड़ सकेंगे। एनसीएसएल विधान शिखर सम्मेलन 2024 में भागीदारी से ज्ञान के आदान-प्रदान, लगभग 2,000 सम्मानित अमेरिकी सीनेटरों और भारतीय विधायकों/एमएलसी के बीच नेटवर्किंग के अवसर, नीति सीखने और अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य सहित कई लाभ मिलेगा।

    इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद अमेरिका के नैशविले एवं कैलिफोर्निया में अप्रवासीय भारतीयों से मिलकर विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। 10 अगस्त को प्रवासी भारतीयों द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि श्री मिश्र का सम्मान किया जाएगा। 11 अगस्त को नैशविले के श्री गणेश मंदिर (हिंदू सांस्कृतिक केंद्र) में अप्रवासी भारतीयों द्वारा अभिनंदन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन अमेरिका के प्रसिद्ध ज्योतिषी धर्मगुरु पण्डित रिंकू मिश्रा कर रहे है। इस दौरान 12 अगस्त को श्री मिश्रा अमेरिका में उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए अमेरिका में अध्ययन की संभावनाओं पर विचार करने के लिए मिडिल टेनेसी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे।


    13 अगस्त को नैशविले से कैलिफोर्निया पहुंचेंगे। वह कैलिफोर्निया में प्रवासी भारतीयों में उद्योगपतियों तथा अन्य विशिष्ट जनों से मुलाकात करेंगे।  13 अगस्त से 17 अगस्त तक यहां रहकर अमेरिका के परिवहन व्यवस्थाओं एवं पर्यटन की संभावनाओं पर विस्तार से विभिन्न जनों से चर्चा भी करेंगे। वह अमेरिका के तीव्र सुरक्षित परिवहन एवं सड़कों का अध्ययन कर यह सुनिश्चित करेंगे कि क्या इस तरह की सेवाएं उत्तर प्रदेश कैसे में हो सकती हैं। 18 अगस्त को वह वापस स्वदेश लौटेंगे।

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  • आंतरिक सुरक्षा,आतंकवाद के खिलाफ गृह मंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक 

    आंतरिक सुरक्षा,आतंकवाद के खिलाफ गृह मंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक 

    गृह मंत्री आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ उच्चस्तरीय बैठक का किया आयोजन

    नई दिल्ली:- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आंतरिक सुरक्षा कार्य-प्रणाली समीक्षा के उपरांत कुशल अधिकारियों की टीम गठित करने पर दिया जोर  विभिन्न सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के साथ देश की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के उत्तरदायी आसूचना ब्यूरो (Intelligence Bureau) के Multi Agency Centre (MAC) की कार्यप्रणाली की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने कहा कि देशभर की खुफिया और प्रवर्तन एजेंसियों सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ‘Whole of the Government’ approach अपनाना आवश्यक है।

    उन्होंने देश में उभरते सुरक्षा खतरे के परिदृश्य से निपटने के लिए आतंकी नेटवर्क और उनके सहायक इको-सिस्टम को खत्म करने के लिए सभी एजेंसियों के बीच अधिक तालमेल पर जोर दिया। देश की समग्र आंतरिक सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की समीक्षा करते हुए, गृह मंत्री ने सभी प्रतिभागियों से Multi Agency Centre में अपनी भागीदारी बढ़ाने और इसे एक सामंजस्यपूर्ण मंच बनाने के लिए कहा, जो निर्णायक और त्वरित कार्रवाई के लिए सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों, ड्रग्स-रोधी एजेंसियों, साइबर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को एक साथ लाता है। गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि MAC ने अपने घटकों (constituents) का विश्वास अर्जित किया है और इसे अंतिम रिस्पॉंडर्स सहित विभिन्न हितधारकों के बीच pro-active और real-time कार्रवाई योग्य जानकारी साझा करने के लिए एक मंच के रूप में 24X7 काम करना जारी रखना चाहिए। बैठक के दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा में शामिल सभी एजेंसियों से युवा, तकनीकी रूप से कुशल जोशीले अधिकारियों की एक टीम गठित करने पर जोर दिया, ताकि Big Data और AI/ML संचालित एनालिटिक्स और तकनीकी प्रगति का उपयोग करके आतंकी इकोसिस्टम को खत्म किया जा सके।

    उन्होंने दोहराया कि नई और उभरती सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनज़र हमें अपने रिस्पॉन्स में हमेशा एक कदम आगे रहना होगा।उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, MAC फ्रेमवर्क अपनी पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए बड़े तकनीकी और ऑपरेशनल सुधारों को लागू करने को तैयार है। उन्होंने सभी स्टेकहोल्डर्स से त्वरित प्रतिक्रियाओं और साझा की गई जानकारियों के aggressive follow-up के माध्यम से इन प्रयासों को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

  • नई दिल्ली में पार्टी प्रत्याशियों,पदाधिकारियों में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भरा जोश

    नई दिल्ली में पार्टी प्रत्याशियों,पदाधिकारियों में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भरा जोश

    किसानों से वादा कर भूल जाती हैं सरकारें : अशोक सिंह,हमारे समर्थन से बनेगी केंद्र की सरकार

    नई दिल्ली। समाज विकास क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जौनपुर लोकसभा के प्रत्याशी अशोक सिंह जौनपुर में अपना नामांकन दाखिल कर दिल्ली पहुंच गए। यहां पर उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ अहम बैठक करते हुए चुनाव को लेकर चर्चा की। अशोक सिंह ने अगले चरण में होने वाले चुनाव में अपने प्रत्याशियों में जोश भरा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रत्याशी बड़ी ही दमदारी से चुनाव लड़ रहे हैं, बगैर हमारे किसी की सरकार नहीं बनने वाली है।


    मीडिया द्वारा जौनपुर लोकसभा के माहौल को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जौनपुर में न तो भाजपा का प्रत्याशी जीतेगा और न ही सपा-बसपा का, जौनपुर की जनता सबको जानती है और इस बार जौनपुर की जनता हमारी पार्टी के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि हमने अनोखे अंदाज में बैलगाड़ी से जाकर नामांकन दाखिल किया, क्योंकि हम ये बताना चाहते थे कि किसान आज भी इसी हालत में है और किसानों से वादा करने वाले लोग भूल जाते हैं।

  • New Delhi:राशन की लाइन में नहीं रोजगार के इंटरव्यू के लाइन में नजर आएंगे युवा:अशोक सिंह

    New Delhi:राशन की लाइन में नहीं रोजगार के इंटरव्यू के लाइन में नजर आएंगे युवा:अशोक सिंह

    NEW DELHI नई दिल्ली। समाज विकास क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जौनपुर लोकसभा के प्रत्याशी अशोक सिंह ने एक नुक्कड़सभा में उपस्थित युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पहले 15 लाख रुपए सबके खाते में भेजने की बात करके सरकार बना ली। अब पाँच किलो राशन देकर सरकार बनाने की सोच रहे हैं। हम युवाओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम उन्हें पाँच किलो राशन की लाइन में नहीं लगाना चाहते बल्कि हम उन्हें रोजगार देने का काम करेंगे ताकि वह उस लाइन को छोड़कर इंटरव्यू वाली लाइन में लगे। वह अपने पैरों पर खड़े होंगे तो वह खुद लोगों को पाँच किलो क्या उससे भी अधिक राशन बांटने में सक्षम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार युवाओं को सिर्फ और सिर्फ बरगलाने का काम किया है। कभी अग्निवीर के नाम पर तो कभी परीक्षाओं के पेपर लीक कराकर। यूपी का युवा तो अपने आप को ठगा हुआ महसूस करता है। इसी तरह हर प्रदेश का हाल है। देश में युवाओं की कोई सुनने वाला नहीं है, जो युवाओं के लिए काम करना चाहता है उसे यह सरकार ईडी और सीबीआई का धमकी देकर शांत करा देती है या फिर जेल भेजने का काम करती है।

  • हुकूम उदय प्रताप सिंह को राजस्थान का प्रभारी बनाये जाने पर समर्थको मे ख़ुशी

    हुकूम उदय प्रताप सिंह को राजस्थान का प्रभारी बनाये जाने पर समर्थको मे ख़ुशी

    मुंबई :जाने माने मशहूर समाजसेवी हुकुम उदय प्रताप सिंह को नमो नमो मोर्चा भारत की तरफ से एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, नमो नमो मोर्चा भारत का पहला कदम राष्ट्र के निर्माण की तरफ ले जाता है हुकुम उदय प्रताप को राजस्थान प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया है इस बात से हुकुम उदय प्रताप के समर्थकों में भारी खुशी की लहर दिखाई दे रही है वही उदय प्रताप मीडिया से बातचीत कर बताया कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है उसको मैं निभाने की हर संभव कोशिश करेंगे l

    आपको बता दे हुकुम उदय प्रताप सिंह ने जब कोविड महामारी से पूरा विश्व परेशान थाऔर भारत भी इस से छूटा नहीं था उस दौरान हुकूम उदय प्रताप ने जरुरतमंद लोगों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था अपने तरफ से किया था समाज सेवा के मामलों में हुकूम उदय प्रताप सिंह जी की एक अलग ही पहचान है वही जब नमो नमो भारत मोर्चा एक ऐसा संगठन है जिसका पहला कदम ही देश के निर्माण के लिए जाता है और निश्चित तौर पर यह कहा जा सकता है हुकुम उदय प्रताप सिंह जैसे लोगों के आने से और मजबूती मिलेगी वही हुकुम. उदय प्रताप सिंह भी काफ़ी सक्रिय है ताकि उनके आसपास से लोगो को सदस्य बनाया जा सके ताकि और मजबूत हो जाये l

    यह भी पढ़े :जौनपुर में होली डांस पर चले लाठी डंडे 1व्यक्ति की मौत,9 घायल,6 गिरफ्तार   

  • दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा कहां से आरम्भ हुई थी,क्या आप जानते है ?

    दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा कहां से आरम्भ हुई थी,क्या आप जानते है ?

    Where did the world’s first air mail service start?

    18 फरवरी 1911 को प्रयागराज में आरम्भ हुई थी दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा एयरमेल सेवा ने पूरा किया 113 सालों का सफरनामा, प्रयागराज से हुई थी शुरुआत ,पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

    डाक सेवाओं ने पूरी दुनिया में एक लम्बा सफर तय किया है। प्रयागराज को यह सौभाग्य प्राप्त है कि दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा यहीं से आरम्भ हुई। वाराणसी एवं प्रयागराज परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि यह ऐतिहासिक घटना 113 वर्ष पूर्व 18 फरवरी 1911 को प्रयागराज में हुई थी। संयोग से उस साल कुंभ का मेला भी लगा था। उस दिन दिन  फ्रेंच पायलट मोनसियर हेनरी पिक्वेट ने एक नया इतिहास रचा था। वे अपने विमान में प्रयागराज से नैनी के लिए 6500 पत्रों को अपने साथ लेकर उड़े। विमान था हैवीलैंड एयरक्राफ्ट और इसने दुनिया की पहली सरकारी डाक ढोने का एक नया दौर शुरू किया। 

    पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव के अनुसार प्रयागराज में उस दिन डाक की उड़ान देखने के लिए लगभग एक लाख लोग इकट्ठे हुए थे जब एक विशेष विमान ने शाम को साढ़े पांच बजे यमुना नदी के किनारों से उड़ान भरी और वह नदी को पार करता हुआ 15 किलोमीटर का सफर तय कर नैनी जंक्शन के नजदीक उतरा जो प्रयागराज के बाहरी इलाके में सेंट्रल जेल के नजदीक था। आयोजन स्थल एक कृषि एवं व्यापार मेला था जो नदी के किनारे लगा था और उसका नाम ‘यूपी एक्जीबिशन’ था। इस प्रदर्शनी में दो उड़ान मशीनों का प्रदर्शन किया गया था। विमान का आयात कुछ ब्रिटिश अधिकारियों ने किया था। इसके कलपुर्जे अलग अलग थे जिन्हें आम लोगों की मौजूदगी में प्रदर्शनी स्थल पर जोड़ा गया। प्रयागराज से नैनी जंक्शन तक का हवाई सफ़र आज से 113  साल पहले मात्र  13 मिनट में पूरा हुआ था।

    पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि हालांकि यह उड़ान महज छह मील की थी, पर इस घटना को लेकर प्रयागराज में ऐतिहासिक उत्सव सा वातावरण था। ब्रिटिश एवं कालोनियल एयरोप्लेन कंपनी ने जनवरी 1911 में प्रदर्शन के लिए अपना एक विमान भारत भेजा थाए जो संयोग से तब प्रयागराज आया जब कुम्भ का मेला भी चल रहा था। वह ऐसा दौर था जब जहाज देखना तो दूर लोगों ने उसके बारे में ठीक से सुना भी बहुत कम था। ऐसे में इस ऐतिहासिक मौके पर अपार भीड होना स्वाभाविक ही था। इस यात्रा में हेनरी ने इतिहास तो रचा ही पहली बार आसमान से दुनिया के सबसे बडे प्रयाग कुंभ का दर्शन भी किया। 


     पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव के अनुसार कर्नल वाई विंधाम ने पहली बार हवाई मार्ग से कुछ मेल बैग भेजने के लिए डाक अधिकारियों से संपर्क किया जिस पर उस समय के डाक प्रमुख ने अपनी सहर्ष स्वीकृति दे दी। मेल बैग पर ‘पहली हवाई डाक’ और ‘उत्तर प्रदेश प्रदर्शनी, इलाहाबाद’ लिखा था। इस पर एक विमान का भी चित्र प्रकाशित किया गया था। इस पर पारंपरिक काली स्याही की जगह मैजेंटा स्याही का उपयोग किया गया था। आयोजक इसके वजन को लेकर बहुत चिंतित थे, जो आसानी से विमान में ले जाया जा सके। प्रत्येक पत्र के वजन को लेकर भी प्रतिबंध लगाया गया था और सावधानीपूर्वक की गई गणना के बाद सिर्फ 6,500 पत्रों को ले जाने की अनुमति दी गई थी। विमान को अपने गंतव्य तक पहुंचने में 13 मिनट का समय लगा।

    भारत में डाक सेवाओं पर तमाम लेख और एक पुस्तक ‘इंडिया पोस्ट : 150 ग्लोरियस ईयर्ज़’ लिख चुके श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया  कि इस पहली हवाई डाक सेवा का विशेष शुल्क छह आना रखा गया था और इससे होने वाली आय को आक्सफोर्ड एंड कैंब्रिज हॉस्टल, इलाहाबाद को दान में दिया गया। इस सेवा के लिए पहले से पत्रों के लिए खास व्यवस्था बनाई गई थी। 18 फरवरी को दोपहर तक इसके लिए पत्रों की बुकिंग की गई। पत्रों की बुकिंग के लिए आक्सफोर्ड कैंब्रिज हॉस्टल में ऐसी भीड लगी थी कि उसकी हालत मिनी जी.पी.ओ सरीखी हो गई थी। डाक विभाग ने यहाँ तीन-चार कर्मचारी भी तैनात किए थे। चंद रोज में हॉस्टल में हवाई सेवा के लिए 3000 पत्र पहुँच गए। एक पत्र में तो 25 रूपये का डाक टिकट लगा था। पत्र भेजने वालों में प्रयागराज की कई नामी गिरामी हस्तियाँ तो थी हीं, राजा महाराजे और राजकुमार भी थे।