जौनपुर : मेहनत ईमानदारी, सब्र और अल्लाह पर भरोसा ये सबसे बड़ी दौलत है- मौलाना ग़ुलाम रसूल नूरी इमाम हुसैन अ स के चेहल्लुम का महीना शुरू होते ही मजलिसो का दौर जारी है इसी सिलसिले से मुफ्ती मोहल्ला स्थित इमामबाड़ा मुफ्ती हाउस में अशरा-ए- अरबईन की तीसरी मजलिस को धार्मिक वरिष्ठ विद्वान हिन्दुस्तान के मशहूर मौलाना गुलाम रसूल नूरी कश्मीरी ने सम्बोधित किया। मजलिस को सुनने के लिए बड़ी संख्या में अक़ीदतमंद शामिल हुए। मौलाना ने मजलिस पढ़ते हुए कहा कि अल्लाह! पर भरोसा रखें वो ही रिज़्क़ रोज़ी देने वाला है। ईमानदारी, सब्र और अल्लाह पर भरोसा कभी बेकार नहीं जाता, कामयाबी ज़रूर मिलती है। कभी भी गलत रास्ता न चुने। सबर (धैर्य) रखे क्योंकि अगर इंसान सच्चे दिल से यकीन रखे और दुआ करें तो अल्लाह कोई न कोई रास्ता ज़रूर निकालता है।
याद रखिये रोज़ी बढ़ाने के ब दान और सदक़ा निकालिए।
मेहनत ईमानदारी, सब्र और अल्लाह पर भरोसा, ये इंसान की सबसे बड़ी दौलत है। ऐसे लोग कभी भी खाली नहीं रहते, क्योंकि नेकी और कोशिश के साथ ख़ुदा पर भरोसे का नतीजा हमेशा अच्छा ही होता है।
मजलिस के अंत में मौलाना ने पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम पर करबला मे हुए मसायब पढ़े तो माहौल ग़मगीन हो गया। लोग दहाड़े मारकर रोने लगे। मौलाना ने कहा कि इमाम हुसैन ने सच के लिए अपनी शहादत देकर न्याय, इंसानियत और इस्लाम धर्म को बचा लिया। इमाम हुसैन की जुल्म के खिलाफ दी गई कुर्बानी को हमेशा याद रखा जायेगा।
मजलिस के शुरू मे सोज़ख्वानी गौहर ज़ैदी ने किया। अन्जुमन हैदरिया क़ोरापट्टी ने नौहा पढ़ा और मातम किया।इस अवसर पर धर्म गुरु मौलाना सैय्यद सफदर हुसैन ज़ैदी, मौलाना अहमद अब्बास, मौलाना सै मो शाज़ान ज़ैदी, मौलाना आसिफ अब्बास खान, मुफ्ती नजमुल हसन, मुफ्ती दानिश काज़मी, सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा, सै. कबीर ज़ैदी, रेयाज आब्दी, अनवार आब्दी वसीम हैदर, शादाब जौनपुरी, हुसैन अहमद, ख़ादिम रिजवी आदि उपस्थित रहे।