ज्योतिष रमेश तिवारी हत्या कांड के 12 आरोपी दोषी करार
- #Life imprisonment to 12 accused in Jyotish Ramesh Tiwari murder case in jaunpur
जौनपुर। बारह साल बाद जोतिष रमेश तिवारी तांत्रिक हत्या कांड के 12 आरोपीयो को मिली आजीवन कारावास की सजा 15 नवम्बर 2012 को सरपतहां थाना क्षेत्र के ऊंचगांव निवासी मुलायम सिंह के करीबी रमेश तिवारी तांत्रिक की उनके घर पर की गई थी हत्या कॉल डिडेल के आधार पर 14 अभियुक्त हुए थे दोषी करार 2 की हो चुकी है मौत । 12 वर्ष बाद अपर सत्र न्यायाधीश रुपाली सक्सेना की कोर्ट ने 12 आरोपियों को दिया दोषी करार।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री साम्यवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के ज्योतिष रमेश तिवारी बेहद करीबी थे। दो हजार बारह मे उनके घर पर पुलिस की वर्दी में बदमाशों ने मारी थी गोली। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रुपाली सक्सेना ने आज मंगलवार को शूटर विपुल समेत 12 आरोपियों को दोषी करार दिया है। मिली जानकारी के मुताविक तांत्रिक हत्या कांड में फोन डिटेल के आधार पर उस समय 14 लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था जिससे दो लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है।
अपर सत्र न्यायाधीश रुपाली सक्सेना की कोर्ट ने आज 12 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए अर्थ दंड लगाया है।
जानकारी के मुताविक 15 नवम्बर 2912 को सुबह सरपतहां थाना क्षेत्र के उंचगांव निवासी तांत्रिक रमेश तिवारी की उनके पैतृक गांव के घर पर चढ़ कर पुलिस वर्दी में आये दो बदमाशों ने पुलिस की वर्दी में आए दो बदमाशों ने पिस्टल और कार्बाइन से गोलियां बरसाकर उनको मौत के घाट उतार दिया था। उस गोली काण्ड में रमेश के भाई राजेश भी घायल हुए थे। उस गोली कांड में मारे गये रमेश तिवारी के भाई उमेश तिवारी ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया था।फोन कॉल डिटेल के आधार पर
शूटर विपुल सिंह हत्या कांड के षणयंत्र में धीरेंद्र सिंह , सूबेदार सिंह , झारखंड कौशल किशोर ,सिंह ,विजय बहादुर सिंह, वीरेंद्र बहादुर सिंह लाल शंकर उपाध्याय ,अमित उर्फ पंडित ,अरविंद शैलेन्द्र तन्नू सिंह, अमर जीत सिंह का नाम उस समय आया था।
जिसमे आरोपी झारखण्डे सिंह की मौत हो चुकी है शूटर शेर बहादुर सिंह पुलिस एनकाउंटर में मार दिया गया था। पुलिस ने 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया सभी लोग गिरफ्तार भी हुए सभी की जमानत हो गई आरोपी धीरेंद्र सिंह की जमानत सुप्रीम कोर्ट से हुई दोनों पक्षो की बहस सुनने के बाद सभी आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 30- 30 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है।