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Former Prime Minister of India Dr. Manmohan Singh passes away

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The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh meeting the Chairperson and General Secretary of the National League for Democracy, Myanmar, Daw Aung San Suu Kyi, on the sidelines of the third Summit of the Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation (BIMSTEC), at Nay Pyi Taw, Myanmar on March 04, 2014. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन

Former Prime Minister of India Dr. Manmohan Singh passes away at the age of 92

नई दिल्ली :भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के aiims में निधन आज रात्रि उनको aiims के इमरजेंसी वार्ड में 8 बजे भर्ती कराया गया था लम्बे समय से स्वास्थ समस्याओ से जूझ रहे थे Dr.Manmohan Singh को देखने के लिए स्वास्थ मंत्री जेपी नड्डा पहुंचे थे aiims डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सामने आने के बाद पूरे देश में शोक की लहर देखने को मिल रहा है कांग्रेस के बड़े नेता सोशल मीडिया पर शोक ब्यक्त कर रहे है l

डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे और वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता । उनका कार्यकाल 2004 से 2014 तक था। वे एक अत्यंत विद्वान और अनुभवी अर्थशास्त्री के रूप में प्रसिद्ध। उनकी नीतियों और निर्णयों ने भारत के आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव डाला।



Dr. Manmohan Singh की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गहरी शेखपुरा गाँव (जो अब पाकिस्तान में स्थित है) में हुआ था। उनका पालन-पोषण विभाजन के बाद भारत में हुआ था। उनके पिता का नाम गुलजार सिंह था, जो एक सरकारी कर्मचारी थे। मनमोहन सिंह के जीवन में बचपन से ही शिक्षा का बड़ा महत्व था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब में प्राप्त की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की और फिर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से D.Phil. (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) की डिग्री हासिल की।

Dr. Manmohan Singh का पेशेवर जीवन


डॉ. मनमोहन सिंह एक कुशल अर्थशास्त्री थे और उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय योजना आयोग में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई। वे 1982 में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर बने और उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए कई सुधारों की शुरुआत की। इसके बाद, 1991 में, जब भारत आर्थिक संकट से जूझ रहा था, डॉ. सिंह को वित्त मंत्री बनाया गया। उनका कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए, जिनमें बाजार आधारित अर्थव्यवस्था, विदेशी निवेश को बढ़ावा देना, और व्यापार नीति में उदारीकरण शामिल थे।

Dr. Manmohan Singh का  प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल (2004–2014)


डॉ. मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनका प्रधानमंत्री बनने का रास्ता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा गठबंधन सरकार बनाने के बाद आया, जिसमें उनका नेतृत्व महत्वपूर्ण था।

उनकी सरकार ने भारत में कई सुधारों को लागू किया और वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया। प्रमुख पहलुओं में शामिल थे:
1. आर्थिक विकास*: उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था में तेज़ी से वृद्धि हुई, और भारत एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा।
2. सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र में वृद्धि उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा दिया, जिससे भारत में रोजगार के अवसर बढ़े और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान हुआ।
3. परमाणु समझौता (India-US Nuclear Deal) डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने 2005 में भारत और अमेरिका के बीच एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो भारत को परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए वैश्विक परमाणु आपूर्ति बाजार से जुड़ने का अवसर प्रदान करता था।
4. महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA): इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करने की व्यवस्था की गई।

Dr. Manmohan Singh चुनौतियाँ और आलोचनाएँ


उनके प्रधानमंत्री रहते हुए कई बड़े संकट और विवादों का सामना करना पड़ा। उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार के कुछ बड़े मामले सामने आए, जैसे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला और कोल घोटाला। इसके अलावा, कई लोगों ने उन्हें “निर्विवाद” नेता के रूप में देखा और यह आलोचना भी की कि उन्होंने सत्ता में रहते हुए ज्यादा निर्णायक नेतृत्व नहीं दिखाया। इसके बावजूद, वे एक शालीन और शांतिपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं और उन्हें एक ईमानदार और संजीदा नेता के तौर पर माना जाता है।

Dr. Manmohan Singh का व्यक्तिगत जीवन


डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी का नाम गुरशरण कौर है, और उनके दो बेटियाँ हैं। वे एक निजी और सरल जीवन जीते हैं और सार्वजनिक जीवन से दूर रहकर परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। वे एक संयमित और शालीन व्यक्तित्व के मालिक हैं, और अपनी संवेदनशीलता और विवेकपूर्ण निर्णयों के लिए जाने जाते हैं।

Dr. Manmohan Singh को पुरस्कार और सम्मान


डॉ. मनमोहन सिंह को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें से कुछ प्रमुख पुरस्कार निम्नलिखित हैं:


1. भारत रत्न (2019): यह भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे उन्हें 2019 में प्रदान किया गया।
2. आर्थिक नीति के क्षेत्र में योगदान: उन्हें भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं।

डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे । उनके नेतृत्व में भारत ने कई आर्थिक सुधारों को लागू किया और वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने हमेशा देश की भलाई को सर्वोपरि रखा और अपनी ईमानदारी और निष्कलंक छवि के कारण जनता के दिलों में विशेष स्थान बनाया।ऐसे महान पुरुष को भाव भीनी श्रदांजलि l

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