“दीक्षोत्सव-2025 :दूसरा दिन खेल, कला और साहित्य की प्रतिभाओं के नाम”
JAUNPUR NEWS जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर में आयोजित दीक्षोत्सव-2025 का दूसरा दिन उत्साह और उमंग से सराबोर रहा। खेल गतिविधियों में आज खो-खो (बालक वर्ग) और कबड्डी (बालिका वर्ग) प्रतियोगिता संपन्न हुईं। बालकों की खो-खो प्रतियोगिता में कुल 7 टीमों ने रोमांचक मुकाबला किया। फुर्ती, रणनीति और टीम भावना के अद्भुत प्रदर्शन से खिलाड़ियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं बालिकाओं की कबड्डी प्रतियोगिता में 6 टीमों ने भाग लिया। बालिकाओं ने जुझारूपन और दृढ़ निश्चय का परिचय देकर खेल मैदान को उत्साह से गूंजा दिया। चारों ओर गूंजते नारों और तालियों ने वातावरण को ऊर्जावान बना दिया।
काव्य लेखन प्रतियोगिता में 22 प्रतिभागियों ने “ए.आई. बनाम मानव बुद्धि”, प्राकृतिक सौंदर्य” और “देश-भविष्य” जैसे विषयों पर अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं। प्रतिभागियों की कविताओं में समाज की संवेदनाएँ, सृजनात्मक दृष्टि और भविष्य की गहरी समझ झलकती रही। कार्यक्रम संयोजक प्रो. प्रदीप कुमार ने कहा कि दीक्षोत्सव केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि विद्यार्थियों की बहुमुखी प्रतिभा को मंच देने का अवसर है।चित्रों ने कहा डिजिटल दुनिया में सतर्क रहे, सुरक्षित रहे
पीयू में “डिजिटल इंडिया बनाम डिजिटल अपराध” विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर में दीक्षोत्सव के अंतर्गत शुक्रवार को “डिजिटल इंडिया बनाम डिजिटल अपराध: भविष्य की चुनौतियाँ” विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता संकाय भवन में आयोजित हुई, जिसमें कुल 25 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
प्रतिभागियों ने रंगों और रेखाओं के माध्यम से साइबर जागरूकता का सशक्त संदेश दिया। छात्रों ने जहां एक ओर डिजिटल इंडिया की उपलब्धियों को दर्शाया, वहीं दूसरी ओर बढ़ते साइबर अपराधों की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया।कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने प्रतियोगिता का अवलोकन करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया विकसित भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, लेकिन इसके समानांतर साइबर अपराधों की चुनौतियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। छात्रों ने विषय को बेहद रोचक और रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है।
प्रतियोगिता में एमएससी की छात्रा सृजेन ने एक साइबर अपराधी को भेड़िये के रूप में चित्रित किया, जबकि शिवानी ने सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों को कलात्मक शैली में दर्शाया। तन्जीला ने अपने पोस्टर के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट की चेतावनी दी, और अंकुर मौर्य ने ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर जोखिमों पर ध्यान आकृष्ट किया।
प्रतियोगिता का संयोजन डॉ. अन्नू त्यागी ने किया। निर्णायक मंडल में डॉ. सुनील कुमार एवं डॉ. रामान्शु शामिल रहे, जिन्होंने प्रतिभागियों की कलाकृतियों का मूल्यांकन किया। इस अवसर पर डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. चन्दन सिंह, डॉ. सुरेन्द्र यादव, आनंद सिंह, राहुल गुप्ता, श्याम त्रिपाठी समेत अनेक शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।चित्रकला प्रतियोगिता का अवलोकन करते कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह, डॉ सुनील कुमार, डॉ. अनु त्यागी।