Home Politics सपा के लिए आसान नहीं है,लोकसभा जौनपुर में प्रत्याशियों का चयन

सपा के लिए आसान नहीं है,लोकसभा जौनपुर में प्रत्याशियों का चयन

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सपा के लिए आसान नहीं है,लोकसभा जौनपुर में प्रत्याशियों का चयन

किसके सिर पर सजेगा ताज साइकिल की नैया कौन लगाएगा पार

AUNPUR POLITICS जौनपुर। सपा युवा नेता के दावेदारी से धुरेंदर के बिगड़े समीकरण लोकसभा चुनाव का बिगुल बच चुका है,आचार संहिता लगने के पहले ही इस बार प्रत्याशी का चयन कर रही हैं । कुछ तो अपने को संभावित प्रत्याशी मानकर क्षेत्र में लगातार लोगों के बीच में बने हुए हैं । जिससे अपने मजबूती को शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि पार्टी उन पर विश्वास जाता कर चुनावी मैदान में उतार सके। इसके साथ ही वह अपने टिकट के लिए तरह-तरह की जुगत लगा रहे हैं। शीर्ष नेतृत्व के नेताओं से अपनी पैरवी कर कर अपना पक्ष मजबूत कर रहे हैं। इसके साथ ही टिकट के लिए ऐसे समाजसेवी नेता है । जिनका जनता के बीच में अच्छा वर्चस्व है व जाती विशेष पर अच्छी पकड़ रखते हैं। जिसे टिकट देने के लिए पार्टी विचार कर रही है । लेकिन पार्टी चुनाव मैदान में ऐसे प्रत्याशी को उतारना चाहती है जो चुनाव को मजबूती से लड़ें और जीतकर पार्टी को मजबूत करें। हम बात करते हैं जौनपुर जिले के 73 लोकसभा सीट की जहां पिछले तीन दशक से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की जीत नहीं हुई है ।

सपा के लिए आसान नहीं है,लोकसभा जौनपुर में प्रत्याशियों का चयन
पंकज मिश्रा युवा सपा नेता

दावेदार कई है। जिससे टिकट का चयन करना शीर्ष नेतृत्व के लिए बहुत मुश्किल हो गया है । कोई भी दल पार्टी के सभी नेताओं को संतुष्ट नहीं कर सकता है । कभी-कभी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी गलत प्रत्याशी को मैदान में उतार देता है ।जिससे जीत हासिल नहीं हो पाती है। वहीं भाजपा के नेता मोदी मंत्र पर चुनाव जीत जाते हैं । उन्हें क्षेत्र में कम मेहनत करने की जरूरत होती है । लेकिन अन्य दल के नेता पार्टी वोट के साथ अपने वोट को भी जोड़ने के लिए दिन रात मेहनत करते रहते हैं। इसलिए समाजवादी पार्टी को मजबूत युवा चेहरा को मौका देना चाहिए । जिससे वह चुनाव जीत कर दिल्ली पहुंच सके इस सीट पर प्रत्याशियों की दावेदारी काफी दिख रही है जिसमें पूर्व मंत्री और विधायक के साथ सपा नेता टिकट की मांग कर रहे हैं। इस लोकसभा में ब्राह्मण यादव व मुस्लिम जाति के वोटर अधिक जनसंख्या में है। टिकट दावेदारी में पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई ,युवा नेता पंकज मिश्रा ,बाबा दुबे,लकी यादव, संतोष पांडेय,जगदीश प्रसाद मौर्य सहित अन्य नेता टिकट के लिए प्रयासरत हैं। इसमें ब्राह्मण नेता की चर्चा प्रबल चल रही है।

पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई की बात करें तो यह चार विधायक दो बार मंत्री रहे हैं । उनकी पकड़ समाजवादी पार्टी व क्षेत्र में अच्छी है । इनका प्रभाव यादव मुस्लिम वोटर में अच्छा माना जाता है। राजनीति में चाणक्य कहें जाते हैं। पंकज मिश्रा की बात करें तो ये युवा सपा नेता है। जो पिछले 15 वर्षों से अधिक समाजवादी पार्टी से जुड़कर समाजवाद की नीतियों को लोगों तक पहुंचाते रहते हैं और इसी विचारधारा से क्षेत्र की जनता की सेवा कर रहे हैं। क्षेत्र में गरीब असहाय जनता की मदद करते रहते हैं । जिसके कारण यह हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं । इन्होंने विधानसभा चुनाव 2022 में सपा प्रत्याशी पंकज पटेल के लिए मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा चुनाव को जीतने में कड़ी मेहनत की जिसका परिणाम अच्छा रहा। साथ ही साथ युवा होने की नाते ये युवा वोटर को अपने पक्ष में करने में कामयाब होंगे ।

यदि इन्हें मौका मिलता है तो ब्राह्मण मुस्लिम यादव व अन्य जातियां का सहयोग से चुनाव लड़ाई दिलचस्प होगी। पूर्व विधायक बदलापुर बाबा दुबे भी टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश की है जो सपा से विधायक भी रहे हैं। क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने के साथ-साथ यह लगातार जनता के बीच में बने रहते हैं।

मल्हनी विधायक लकी यादव

मल्हनी विधायक लकी यादव ये पूर्व मंत्री स्वर्गीय पारसनाथ यादव के पुत्र हैं। जो समाजवादी पार्टी की स्थापना में भी योगदान दिए हैं उनकी मृत्यु की पश्चात लकी को उपचुनाव में मौका दिया गया । जिसमें 5000 के लगभग मतों से विजय प्राप्त किया। 2022 के चुनाव में फिर से 10000 से अधिक मतों से विजय प्राप्त किए। यह भी लोकसभा के टिकट में दावेदारी पेश कर रहे हैं । पूर्व जिला अध्यक्ष व अन्य नेता भी टिकट की दावेदारी पेश किए हैं। अब देखना है कि शीर्ष नेतृत्व किस मौका देती है वह चुनाव जीतने में कितना सफल होता है ।यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।

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