जौनपुर। उत्तर- प्रदेश बजट सत्र 2025 को लेकर विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीरेंद्र सिंह ‘वत्स’ की कविता पढ़कर विपक्ष पर हमला बोला। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को लेकर विपक्ष द्वारा विदेश में घटने वाली कई घटनाओं को महाकुंभ के साथ जोड़कर दुष्प्रचार किया जा रहा था। दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए सीएम योगी ने वीरेंद्र ‘वत्स’ की कविता “
बड़ा हसीन है उनकी ज़बान का जादू,
लगा के आग बहारों की बात करते हैं।
जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियां लूटीं,
वही नसीब के मारों की बात करते हैं।”
सुनाकर विपक्ष पर सवाल उठाया। महाकुंभ के विषय पर योगी अपनी बात रख रहे थे जिस पर कविता के माध्यम से उन्होंने विपक्ष पर दोहरा चरित्र का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा मुखिया मुसलमानों से उर्दू पढ़वाते हैं और अपने बच्चों को अंग्रेजी पढ़वाते हैं यह उनका दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है। मुख्यमंत्री इन पंक्तियों के माध्यम से समाज में हिंदू -मुस्लिम में मतभेद उत्पन्न करने पर सपा पर जमकर बरसे।
वीरेंद्र सिंह ‘वत्स’ सुल्तानपुर जनपद के करौदी कला विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर गांव के निवासी हैं। इन्होंने हनुमत इंटर कॉलेज सूरापुर से 1978 में हाईस्कूल व 1980 में इंटरमीडिएट, 1982 में सुइथाकला क्षेत्र के गांधी स्मारक पीजी कॉलेज समोधपुर से बीए, 1986 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई की। इन्हें साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए कई उपलब्धियां और सम्मान प्राप्त हैं। श्री वत्स को अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। सम्मान प्राप्त हुआ है। नार्वे से अंतरराष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान, मुंबई में डॉ. राम मनोहर त्रिपाठी पत्रकारिता व अटल बिहारी वाजपेई सम्मान, उत्तर प्रदेश सरकार का संस्कृति सम्मान, लखनऊ का अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मान मिल चुका है। गजल ‘कोई तो बात उठे’ काफी चर्चित हुई। सीएम योगी विधानसभा के बजट सत्र में इस ग़ज़ल का शेर पढ़ते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी भी संसद में पढ़ते हुए नजर आते हैं। इन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में कई महत्वपूर्ण सांस्कृतिक अभियानों के गीत लिखे हैं। दिल्ली के राजपथ पर निकली 2021, 22, 23 व 24 की उत्तर प्रदेश गणतंत्र दिवस झांकी में शामिल हैं जिनमें आपके लिखे गीत विश्वनाथ से मिलकर पुलकित है गंगा की धारा और जहां अयोध्या सियाराम की देती समता का संदेश, कला और संस्कृति की धरती धन्य धन्य उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक अंक मिले।
दोनों वर्ष में झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुए और पुरस्कार भी मिले। इतना ही नहीं चौरी- चौरा और सुहेलदेव जयंती महोत्सव पर लिखे आपके गीतों को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिली और सराहना की गई। कोई तो बात उठे गजल संग्रह, अंत नहीं यह और तू जीत के लिए बना काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। प्रयागराज में छात्र जीवन के दौरान महादेवी वर्मा, डॉक्टर राजकुमार वर्मा, डॉ. जगदीश गुप्ता, डॉक्टर रामस्वरूप चतुर्वेदी और डॉक्टर मोहन अवस्थी जैसे सिद्ध रचनाकारों तथा आचार्यों का स्नेह और सानिध्य मिला। इनके द्वारा लिए गए साक्षात्कार देश के प्रतिष्ठित समाचार में भी प्रकाशित हो चुके हैं।