Home न्यूज़ शिक्षा विश्व विद्यालय की कुलपति को क्यो छात्रों के सामने,पढ़नी पड़ी किताब

विश्व विद्यालय की कुलपति को क्यो छात्रों के सामने,पढ़नी पड़ी किताब

0

विश्व विद्यालय की कुलपति ने विद्यार्थियों के साथ पढ़ी किताब,पढ़े विश्वविद्यालय- बढ़ें विश्वविद्यालय कार्यक्रम का हुआ आयोजन

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में राजभवन लखनऊ के दिशा निर्देश के क्रम में गुरुवार को पढ़े विश्वविद्यालय- बढ़ें विश्वविद्यालय कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय में विद्यार्थियों के साथ किताब पढ़ी. कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि किताबें हमेशा से हमारे साथ ही रही है और हमेशा साथ रहेंगीं. जीवन में जिसने किताबों के मोल को समझा वो निश्चित रूप से सफल होता है. किताबें हमारे जीवन में सबसे बड़े पथ प्रदर्शक के रूप में कार्य करतीं है।

 

किताबें ज्ञान का भंडार है हमें किसी भी विषय पर अगर कोई भी ज्ञान चाहिए तो किताबें उसे प्रदान करतीं है. आज के दौर में ऑनलाइन पुस्तकें पढ़ने के लिए उपलब्ध है, लेकिन ऑफलाइन पुस्तकें पढ़ने की आदत होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के लिए किताबों की बड़ी महत्ता है. शिक्षक पुस्तकों को आधार बना कर ही विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करता है. उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि किताबों से कभी दूर मत हो. व्यवहारिक मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि किताबों को पढ़ने से हमारी सोच में बदलाव आता है।

 

अपने विषय के साथ ही साथ प्रेरणादायक पुस्तकों को भी पढ़ना चाहिए. विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग, फार्मेसी एवं प्रबंध अध्ययन संकाय के विभिन्न विभागों में शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों ने अपने-अपने विभाग में पुस्तक पढ़ीं. वहीं इसके साथ ही प्रशासनिक भवन में विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी किताबें पढ़ीं.
परिसर के विभिन्न संकायों में आयोजित कार्यक्रम में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. राज कुमार, प्रो. देवराज, प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ. एसपी तिवारी, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. वनिता सिंह समेत विभिन्न संकायों में शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारियों ने पुस्तक पढ़ीं.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version