18 मुहर्रम पर निकला बनी हाशिम का ताबूत जुलूस, देर रात तक गूंजते रहे नौहे
खेतासराय (जौनपुर) मोहर्रम के मौके पर रविवार रात बिस्वा में अंजुमन मासूमिया की ओर से बनी हाशिम का परम्परागत ताबूत जुलूस निकाला गया। यह आयोजन लगातार पिछले 15 वर्षों से अकीदत के साथ किया जा रहा है। जुलूस का आगाज़ रात 8 बजे हुआ, जो सोमवार सुबह तकरीबन 5 बजे तक जारी रहा।
इस दौरान बड़ी संख्या में अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी। शहीद-ए-कर्बला की याद में नौहे और मर्सिए पढ़े गए। माहौल पूरी तरह गमगीन रहा और अकीदतमंदों ने सीना-कोबी कर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया।
जुलूस में कुल 18 ताबूत सजाए गए थे। इसमें सुल्तानपुर, आजमगढ़ और जलालपुर समेत कई जिलों से आई अंजुमनों ने हिस्सा लिया। प्रमुख अंजुमनों में अंजुमन-ए-आसगरिया कदीम सुल्तानपुर, अंजुमन-ए-पंजतनी जलालपुर, अंजुमन-ए-गुलशने इस्लाम आजमगढ़ और अंजुमन-ए-हुसैनिया खादीमे जुल्जना शामिल रहीं।
कार्यक्रम में मौलाना सैय्यद इंतेज़ार मेहंदी ने तकरीर करते हुए इमाम हुसैन की कुर्बानी और इंसानियत के पैगाम पर रोशनी डाली। उन्होंने अमन, भाई-चारे और समाज में इंसाफ की अहमियत पर ज़ोर दिया। आयोजकों ने सुरक्षा और व्यवस्था के खास इंतज़ाम किए थे ताकि कोई अव्यवस्था न हो।
जुलूस के समापन से पहले रविवार सुबह कुरान अंदाजी का आयोजन किया गया। इसके बाद अंजुमन-ए-जीनतूल अजा सुल्तानपुर को हादिया जुल्जना इनाम हुसैन से सम्मानित किया गया। आयोजक सैय्यद एहसान हैदर ने बताया कि यह आयोजन हर साल की तरह अकीदत और एहतराम के साथ होता रहेगा। इस अवसर गुलाम हैदर, अली हसन, जुल्फेकार हैदर, अली मेहंदी, मोहम्मद असलम, गुलफाम हैदर, रेहान हैदर, सलमान हैदर, लारेब आब्दी आदि लोग उपस्थित रहे। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन तैनात रहा।