पत्रकार समाज में संतुलन बनाकर चले।
जौनपुर: पत्रकार और पत्रकारिता विषयक संगोष्ठी जो हुसैनाबाद स्थित तीसरी आंख न्यूज़ पोर्टल कार्यालय में संपन्न हुई, की अध्यक्षता और संचालन श्याम नारायण पांडे ने किया।
शिक्षाविद प्रोफेसर राघवेंद्र प्रताप सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए तुलसीदास के रामचरितमानस के एक दोहे को रेखांकित किया और कहा कि बाबा ने यह लिखा है की पत्रकारिता कैसी हो –
भाषा भनिति भूति भलि सोई
सूरसरी सम सबकर हित होई
अर्थात पत्रकारिता वही है जिससे समाज के सभी लोगों का हित हो। उन्होंने यह भी कहा की वर्तमान में अन्याय के खिलाफ लिखना पत्रकारिता का प्रथम कर्तव्य है।
प्रोफेसर बृजेश यदुवंशी ने भाषा की शुद्धता की जरूरत व्यक्त करते हुए कहा कि- आज सारी अशुद्धियां समाचार पत्रों में लिखी गई ख़बरों और आलेखों में देखने को मिल रही है यह चिंता का विषय है पहले पत्र राष्ट्रीय एकीकरण के लिए काम करते थे लेकिन आज उसका उल्टा हो रहा है। आज तो कुछ समाचार पत्र समाज में दंगा फैलाने का काम कर रहे हैं।
जनपद के प्रतिष्ठित अखबार दैनिक तरुणमित्र के ब्यूरो चीफ सतीश चंद्र शुक्ल सत्पथी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान में पत्रकारिता के जुड़े लोगों में अहम- वहम और प्रलोभन एक गंभीर चुनौती हो चुकी है सामाजिक सरोकारों में पत्रकार का निष्पक्ष और ईमानदार होना निहायत जरूरी है अब पत्रकार अफसरों की हुजूरी करते हैं जिसे समाज और शासन- प्रशासन पर गलत प्रभाव पड़ता है पत्रकारों का व्यक्तित्व समाज के लिए प्रेरक होना चाहिए।
अंत में जनपद के वरिष्ठ पत्रकार श्याम नारायण पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकारिता कठिनाइयों की दौर से गुजर रही है एक तरफ उसे समाज की सत्य घटनाओं की खबरों को भी देना है और दूसरी तरफ में भ्रष्टाचारी माफियाओं से भी लड़ना है उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी न तो समाज लेता है न तो शासन लेता है। अतएव उसे समाज में संतुलन बनाकर रहना होता है। इसीलिए पत्रकार को यथा संभव जनहित को प्राथमिकता देना चाहिए।
इस गोष्ठी में सर्वश्री प्रो० राघवेंद्र प्रताप सिंह, प्रो० बृजेश यदुवंशी, पंडित सतीश चंद्र शुक्ल सत्पथी , धनीराम कसेरा, विजय मिश्र, राजेश पांडे और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कुमार श्रीवास्तव ने भाग लिया। पूरे कार्यक्रम का चित्रांकन रवि कान्त ने किया।