Resistivity survey training given to students by BHU experts
- गंगा परिक्षेत्र में गिरते भूजल स्तर पर गहन शोध आवश्यक: कुलपति बीएचयू के विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को दी गई रेसिस्टिविटी सर्वे की ट्रेनिंग
- भूजल स्तर का पता लगाने में कारगर तकनीक है रेसिस्टिविटी सर्वे
JAUNPUR NEWS जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के एकलव्य स्टेडियम में[ BHU ] बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) वाराणसी के विशेषज्ञों द्वारा रेसिस्टिविटी सर्वे से संबंधित प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भू-भौतिकी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के 31 एवं रज्जू भइया संस्थान के भौतिकी एवं जियोलॉजी विषय के छात्रों ने प्रतिभाग किया । इस सर्वे का उद्देश्य गंगा के मैदानी भाग में गिरते भूजल स्तर का पता लगाना और इस दिशा में शोध कार्यों को बढ़ावा देना एवं छात्रों को संबंधित तकनीक के उपयोग करने हेतु प्रक्षिशित करना था।
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि गंगा परिक्षेत्र में गिरते भूजल स्तर पर गहन शोध करना समय की आवश्यकता है। इस प्रकार के व्यावहारिक अनुभव छात्रों को न केवल तकनीकी ज्ञान देंगे, बल्कि उन्हें समाज और पर्यावरण के प्रति जागरूक भी बनाएंगे।
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अवगत हो कि कुलपति प्रो वंदना सिंह ने नेतृत्व में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में जल शोध संस्थान की स्थापना की जा रही है जिसके माध्यम से पूर्वांचल क्षेत्र की जल सहित पर्यावरणीय विषयों पर शोध कार्य किया जाएगा। यह शोध संस्थान राज्य में प्रथम होगा जो उपरोक्त विषयों पर शोध हेतु विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा।
प्रशिक्षण सत्र में बीएचयू के विशेषज्ञों ने छात्रों को रेसिस्टिविटी सर्वे की आधुनिक तकनीकों से परिचित कराया। उन्होंने डेटा संग्रह, उपकरण संचालन और विश्लेषण की प्रक्रिया को विस्तार से समझाते हुए बताया कि यह तकनीक भूजल स्तर के साथ-साथ भूमि की आंतरिक संरचना और खनिजों का भी अध्ययन करने में सहायक है।
BHU के विशेषज्ञ प्रोफेसर उमाशंकर ने कहा कि इस तरह के व्यावहारिक अनुभव छात्रों को उनके शोध कार्यों में नई दिशा प्रदान करेंगे।गंगा के मैदानी भाग में जल संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए तमाम संभावनाएं हैं जिन पर गहन शोध किया जाना आवश्यक है । इस अवसर पर छात्रों के साथ ग्रुप फोटो भी की गई। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय राय, प्रो देवराज, प्रोफेसर प्रमोद यादव, प्रो सौरभ पाल, प्रोफेसर राजेश शर्मा, प्रोफेसर अजय द्विवेदी, प्रोफेसर मनोज मिश्र, प्रोफेसर गिरिधर मिश्र, अजीत प्रताप सिंह डा. शशिकांत यादव, डा. धीरेंन्द्र चौधरी डा. श्याम कन्हैया आदि उपस्थित रहे.