गड्ढे में तब्दील सड़क,बरसात में राहगीरों के लिए बनी मुसीबत
खेतासराय (जौनपुर) क्षेत्र के पाराकमाल गांव को जोड़ने वाली लोक निर्माण विभाग की सड़क इन दिनों बदहाल स्थिति में है। हल्की बारिश होते ही सड़क पर बने बड़े और गहरे गड्ढों में पानी भर जाता है, जिससे पूरे मार्ग पर जलजमाव हो जाता है। यह स्थिति राहगीरों, स्कूली बच्चों, मरीजों और स्थानीय लोगों के लिए गंभीर मुसीबत का कारण बन गई है।
करीब दो किलोमीटर लम्बे इस मार्ग की हालत बेहद खराब है। वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। खासकर स्कूली वाहन,एम्बुलेंस और दुपहिया वाहन चालकों को अत्यधिक कठिनाई होती है। यह सड़क पाराकमाल गांव के साथ-साथ अरंद,डंडसौली, पोरई खुर्द, पोरई कला, जमदहां और आजमगढ़ जनपद के अरनौला व दीदारगंज जैसे गाँवों को जोड़ती है।

गौरतलब है कि यह मार्ग पूर्व विधायक नदीम जावेद के पैतृक गांव पाराकमाल से होकर गुजरता है। बावजूद इसके, आज तक इसकी मरम्मत को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। शाहगंज विधानसभा क्षेत्र का यह अंतिम गांव विकास की मुख्यधारा से कटता जा रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से इस समस्या की शिकायत की, लेकिन वर्षों से कोई समाधान नहीं निकला। गांव वालों ने शासन से सड़क की तत्काल मरम्मत कराकर आवागमन को सुगम बनाने की मांग की है। जलनिकासी की उचित व्यवस्था न होने से हर बारिश में सड़क पानी में डूब जाती है, जिससे लोगों की परेशानियां और बढ़ जाती हैं।
बोले लोग:
गांव का मुख्य मार्ग खराब होने के कारण मरीजों को अस्पताल लाना-ले जाना बड़ी चुनौती है। इमरजेंसी स्थिति में समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
— डॉ. अनवर आलम (चिकित्सक)
सड़क की खस्ताहाली गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से चिंता का विषय है। 102 एम्बुलेंस सुविधा मिलने पर भी टूटी सड़क से होकर जाना जोखिम भरा होता है। जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा बना रहता है।
कृपावती
सावन के पवित्र माह में श्रद्धालु मंदिर जाने के लिए बाधित हो रहे हैं। जगह-जगह पानी भरने से पैदल चलना मुश्किल हो गया है। पूजा-पाठ में बाधा आना दुर्भाग्यपूर्ण है।
— अभयराज राजभर (सामाजिक कार्यकर्ता)
यह समझना मुश्किल है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क। भारी जलजमाव के कारण स्कूली वाहनों का संचालन खतरे में है। कभी भी कोई गंभीर हादसा हो सकता है।
— अम्मार वहीद, संरक्षक (अस्मा इण्टर कॉलेज)
सरकार एक ओर सड़कों का जाल बिछाने का दावा करती है, लेकिन यहां की हालत इसके उलट है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। यह क्षेत्र जनसंख्या की दृष्टि से एक बड़ी ग्रामसभा है, फिर भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
— धर्मेंद्र कुमार, (कार्यकर्ता बसपा)
इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया गया। व्यक्तिगत रूप से भी मिलकर बात रखी गई, लेकिन स्थिति में आज तक कोई सुधार नहीं हुआ है।
— उमेश कुमार राजभर (सोशल एक्टिविस्ट)
पाराकमाल गांव एक न्याय पंचायत है, जिसमें आस-पास के पांच गांव सम्मिलित हैं। यहाँ डाकघर भी है, जिससे प्रतिदिन ग्रामीणों की आवाजाही बनी रहती है। यह मार्ग अरनौला और दीदारगंज जैसे गैर जनपदों से भी जुड़ता है। टूटी सड़क और जलजमाव ने इस आवागमन को अत्यंत कष्टप्रद बना दिया है।
— कमर आलम (अधिवक्ता)
पाराकमाल मार्ग की स्थिति किसी आपातकालीन समस्या से कम नहीं है। शासन और प्रशासन से अपेक्षा है कि इस पर तुरंत संज्ञान लिया जाए और सड़क की मरम्मत के साथ जलनिकासी की स्थायी व्यवस्था की जाए, जिससे क्षेत्र के लोग सुरक्षित और सुगम आवागमन कर सकें।
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