Wednesday, October 8, 2025
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jaunpur,गूजरताल के नर्सरी तालाबों में 75 लाख स्पॉन का संचय

50 लाख मत्स्य बीज वितरण का लक्ष्य

  • पंद्रह दिन में होंगे मत्स्य बीज तैयार, निर्धारित सरकारी दरों पर किया जाएगा वितरण

खेतासराय (जौनपुर) मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मंगलवार को खेतासराय क्षेत्र स्थित राजकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र गूजरताल के नर्सरी तालाबों में 75 लाख स्पॉन का सफलतापूर्वक संचय किया गया। आगामी पंद्रह दिनों में ये स्पॉन परिपक्व होकर 15 से 20 मिमी आकार के मत्स्य बीज का रूप ले लेंगे, जिन्हें क्षेत्रीय मछली पालकों के बीच निर्धारित सरकारी दरों पर वितरित किया जाएगा।

इस वर्ष दो करोड़ स्पॉन संचय का लक्ष्य

प्रक्षेत्र के फिशरमैन ओ.पी. नागर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष गूजरताल बीज प्रक्षेत्र में कुल दो करोड़ स्पॉन संचय करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी क्रम में मंगलवार को प्रथम चरण के अंतर्गत तीन नर्सरी तालाबों में 75 लाख स्पॉन डाले गए हैं। उन्होंने बताया कि इन स्पॉनों की देखभाल वैज्ञानिक विधियों से की जाएगी ताकि गुणवत्तापूर्ण बीज तैयार हो सकें।

101 तालाबों वाला यह प्रक्षेत्र 22.20 एकड़ में फैला है

गौरतलब है कि खेतासराय के गूजरताल में स्थित यह राजकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र कुल 22.20 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जिसमें कुल 101 तालाब मौजूद हैं। वर्ष 2006 में घाटे के कारण यहां की हैचरी बंद कर दी गई थी, जिसके बाद से अब तक अन्य प्रक्षेत्रों से स्पॉन मंगवाकर संचय की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

50 लाख बीज वितरण का लक्ष्य, पखवाड़े भर में शुरू होगा वितरण कार्य

इस वर्ष बीज वितरण के लिए 50 लाख मत्स्य बीज का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। फिशरमैन नागर के अनुसार, अगले 15 दिनों के भीतर जब बीज तैयार हो जाएंगे, तो उनका वितरण मछली पालकों को किया जाएगा। यह वितरण प्रक्रिया निर्धारित सरकारी दरों के तहत पारदर्शी तरीके से संपन्न की जाएगी।

मत्स्य पालकों के लिए बेहतर अवसर

मत्स्य विभाग द्वारा किए जा रहे इस प्रयास को स्थानीय मछली पालकों के लिए एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है। इससे न केवल स्थानीय मत्स्य उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि मत्स्य व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।

निगरानी और देखभाल से होगी गुणवत्ता सुनिश्चित

प्रक्षेत्र के अधिकारियों ने बताया कि तालाबों में डाले गए स्पॉनों की निगरानी की जा रही है, ताकि उनमें कोई रोग या संक्रमण न फैले और बीजों की गुणवत्ता उच्च स्तर की बनी रहे। इस बार विभाग विशेष सतर्कता बरतते हुए बेहतर देखभाल सुनिश्चित कर रहा है।

सरकार की मंशा : आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मछली पालन को प्रोत्साहन

केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘ब्लू रिवोल्यूशन’ और ‘प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’ के अंतर्गत ऐसे प्रयास मछली पालन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम माने जा रहे हैं। गूजरताल जैसे प्रक्षेत्रों को पुनर्जीवित कर स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।

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