Wednesday, October 8, 2025
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मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे खेतासराय के मूर्तिकार  

नवरात्रि की धूम: खेतासराय में मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे मूर्तिकार

  • खेतासराय में तीन दशक से मूर्ति बना रहे है मूर्तिकार उत्तम पाल

खेतासराय (जौनपुर): शारदीय नवरात्रि का पर्व नजदीक आते ही पूरे क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह का माहौल है। जगह-जगह पंडाल सजाने की तैयारियाँ तेजी से चल रही हैं। मूर्तिकार दिन-रात देवी दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्र 22 सितम्बर से आरंभ होकर 1 अक्टूबर तक चलेगा। नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ रूपों की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना होगी और 10वें दिन विजयादशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद निवासी उत्तम पाल पिछले तीन दशक से खेतासराय में प्रतिमाएँ बना रहे हैं। उनका कहना है कि इस बार दुर्गा प्रतिमाओं के साथ-साथ हनुमान और विश्वकर्मा प्रतिमाओं का भी ऑर्डर मिला है। पूजा समितियों ने बड़े और आकर्षक पंडालों की तैयारी कराई है तथा भव्य प्रतिमाएँ बनवाने के लिए आदेश दिए हैं। इस बार प्रतिमाओं में आधुनिकता और पारंपरिक कला का सुंदर संगम देखने को मिलेगा। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मिट्टी की प्रतिमाओं और प्राकृतिक रंगों का विशेष रूप से प्रयोग किया जा रहा है, जिससे विसर्जन के समय पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े।

उत्तम पाल ने बताया कि उन्हें जौनपुर जनपद के अलावा अन्य जिलों से भी प्रतिमाएँ बनाने के ऑर्डर मिल रहे हैं। उनका एक कारखाना आज़मगढ़ के दीदारगंज में है, जहाँ बड़े पैमाने पर मूर्तियाँ तैयार की जाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिमा निर्माण के लिए आवश्यक मिट्टी और पुआल जैसी सामग्री पहले आसानी से उपलब्ध हो जाती थी, लेकिन अब कठिनाइयाँ बढ़ गई हैं। इस कारण वे लगभग छह माह पहले से ही सामग्री जुटाने का कार्य आरंभ कर देते हैं, ताकि समय पर प्रतिमाएँ तैयार हो सकें।

मूर्तिकारों के अनुसार यहाँ 10 हजार से लेकर 40 हजार रुपये तक की प्रतिमाएँ उपलब्ध हैं। यदि कोई व्यक्ति या समिति अपनी पसंद और डिजाइन के अनुसार प्रतिमा बनवाना चाहती है तो वैसा ऑर्डर भी पूरा किया जाता है। प्रतिमाओं की ऊँचाई, सजावट और सामग्री के आधार पर कीमतों में अंतर रहता है।

मूर्तिकार सुबोध के अनुसार नवरात्रि के दौरान देवी प्रतिमाओं की मांग सबसे अधिक रहती है। इस बार बड़े पंडालों के लिए उन्हें 11 फीट तक ऊँची प्रतिमाओं के ऑर्डर मिले हैं। प्रतिमाओं की सजावट में सुनहरी पन्नी, चमकीले वस्त्र, कृत्रिम आभूषण और प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे प्रतिमाएँ और अधिक आकर्षक दिखाई देंगी।

जैसे-जैसे नवरात्रि नजदीक आ रही है, श्रद्धालुओं और पूजा समितियों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। पंडाल सजाने का काम जोरों पर है। बिजली की सजावट और ढोल-नगाड़ों की गूंज से पूरा क्षेत्र देवीमय वातावरण में रंगने को तैयार है। आने वाले दिनों में खेतासराय सहित पूरा इलाका भक्ति और उल्लास से सराबोर होगा।

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