सन्तुलित उर्वरक आधुनिक तकनीकी से आएगी दूसरी हरितक्रांति

सन्तुलित उर्वरक आधुनिक तकनीकी से आएगी दूसरी हरितक्रांति
सन्तुलित उर्वरक आधुनिक तकनीकी से आएगी दूसरी हरितक्रांति

Benefits of balanced fertilizer जौनपुर: सन्तुलित उर्वरक प्रबंधन एवं आधुनिक तकनीकी से आएगी दूसरी हरितक्रांति कृषि विभाग द्वारा शनिवार को कृषि सूचना तन्त्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम के तहत सुईथाकला ब्लाक सभागार में खरीफ उत्पादकता गोष्ठी आयोजित कर सन्तुलित उर्वरक प्रबंधन, कृषि विविधीकरण,पौधरोपण कर प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, फार्मर रजिस्ट्री एवं खरीफ फसलों के बेहतर उत्पादन वाली आधुनिक तकनीकीयों से किसानों को प्रशिक्षित किया गया।

 मुख्य अतिथि प्रमुख प्रतिनिधि डा. राकेश चंद्र तिवारी ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों की समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है,पीएम किसान सम्मान निधि योजना में हर किसान को आर्थिक मदद कर रही है। कृषि यंत्रों, सोलर पम्प,बीजो व अन्य कृषि निवेशों पर अनुदान देकर सहयोग कर रही है। उन्होंने किसानों से वैज्ञानिक आधार पर खेती कर खेती करने का सुझाव दिया।

 उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण मिट्टी लगातार बीमार होती जा रही है। जिससे उत्पादन प्रभावित होने के साथ ही उत्पाद का सेवन करने वालों के शरीर पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा था। मृदा की सेहत सुधारकर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों की सहायता कर रही हैं।

 उन्होंने ने बताया कि वीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, पंचगव्य के निर्माण एवं खेती में उसका प्रयोग कर कम लागत में गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सन्तुलित उर्वरक प्रबंधन एवं कृषि की आधुनिक तकनीकियो से दूसरी हरित क्रांति आएगी, प्राकृतिक खेती से अधिक लाभ के लिए गो आधारित खेती, एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन द्वारा फसलों की सुरक्षा की जानकारी दिया।

डा. यादव ने बीज शोधन, मृदा प्रबंधन, जल प्रबंधन तथा मृदा की जांच कर संतुलित खेती करने का सुझाव दिया। प्रगतिशील कृषक ज्ञान चन्द्र तिवारी ने खरीफ फसलों में खरपतवार, रोगों एवं कीटों के बचाव की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसएमएस डा. शिवानन्द मौर्य तथा संचालन प्रगतिशील कृषक राम ताड़क यादव ने किया। अन्त में एडीओ एजी मिथिलेश सिंह ने आभार ज्ञापित किया।

 इस मौके पर सुरेश पांडेय, राकेश वर्मा, सुर्यनाथ, प्रेमचंद, राजकुमार, पुद्दन राम विन्द, प्रकाश उपाध्याय, ऊषा, उर्मिला, रानी, प्रभावती, कंचन आदि सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद रहे।

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