दुर्गापूजा पंडाल पर भक्तों की लगने लगी भीड़

दुर्गापूजा पंडाल पर भक्तों की लगने लगी भीड़
दुर्गापूजा पंडाल पर भक्तों की लगने लगी भीड़

जौनपुर। दुर्गापूजा पंडालों पर भक्तों की लगने लगी भीड़ शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक दुर्गापूजा पंडालों में गुरुवार को नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा की प्रतिमाएं प्रतिष्ठापित कर दी गईं। सुबह से शाम तक प्राण प्रतिष्ठा व कथा पूजा का सिलसिला चलता रहा। प्रतिमाओं में प्राण प्रतिष्ठा के बाद समिति के लोगों ने मां की पूजा व आरती की। तत्पश्चात पंडाल का पट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया। नवयुग संस्था गोसाईं रामलीला मैदान, गीतांजलि संस्था जागेश्वरनाथ मंदिर, श्रीदुर्गा पूजा समिति फलवाली गली ओलंदगंज, धार्मिक शिव शक्ति दुर्गा पूजनोत्सव संस्था श्री हनुमान मंदिर रूहट्टा, बाल संस्था चौरा माता मंदिर रूहट्टा, जय मां बाल सखा संस्था उमरपुर सहकारी कॉलोनी, मायांजलि संस्था मियांपुर, दुर्गापूजा समिति जगन्नाथ जी मंदिर रासमंडल,

अष्टभुजी संस्था कन्हईपुर, कोतवाली चौराहा स्थित त्याग संस्था, नव युवक धर्म कल्याण समिति अहियापुर, गौशाला स्थित महाशक्ति संस्था समेत अन्य पंडालों में प्रतिमा प्रतिष्ठापित कर प्राण प्रतिष्ठा कराई गई। पहले दिन शाम को श्रद्धालुओं ने पंडालों में दर्शन पूजन किया। एलआईयू इन्सपेक्टर नरेन्द्र पटेल के अनुसार जिले में 1892 स्थानों पर छोटे-बड़े पंडाल सजाए गए हैं। श्रीदुर्गा पूजा महासमिति के अध्यक्ष मनीष देव ने बताया कि जिले की 750 दुर्गा पूजा समितियां महा समिति से सम्बद्ध हैं। शहर में 125 स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है। इसके अलावा जलालपुर, सिरकोनी, खेतासराय, शाहगंज, केराकत, चन्दवक, रामपुर,रामनगर,बदलापुर, महराजगंज, सुजानगंज, सिकरारा, नौपेड़वा समेत अन्य बाजारों व गांवों में पंडाल सजाकर दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित की गई है।

सप्तमी कालरात्रि के दिन दक्षिणा काली मंदिर में भव्य श्रृंगार उत्सव का आयोजन

जौनपुर सिटी स्टेशन ओवर ब्रिज के निकट स्थित श्री मां आधा शक्ति दक्षिणा काली मंदिर में कालरात्रि के दिन काली माता जी भव्य श्रृंगार उत्सव का आयोजन किया गया है। इस मंदिर की स्थापना सन् 1984 में हुयी थी। यह मंदिर कलकत्ता वाली काली के नाम से जाना जाता है। मंदिर के संस्थापक व पुजारी भागवती सिंह ‘वागीश’ ने बताया कि यह स्थलीय काली जी की सनातनी सिद्धपीठ है। इस बार शारदीय नवरात्रि में 10 अक्टूबर गुरुवार को कालरात्रि का दिन है। इस दिन सप्तमी है। यह दिन मां काली का सर्वशक्ति एवं सौभाग्य प्रदायक है। इस दिन मां का दर्शन, पूजन-अर्चन, स्मरण जीवन को ज्योर्तिमय तथा मंगलमय कर देता है। कलयुग में मां काली जी की दर्शंज -पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।