Monday, October 13, 2025
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ब्लड कैंसर पीड़िता मासूम की जिंदगी बचाने आगे आईं बिट्टू किन्नर

मानवता की मिसाल: ब्लड कैंसर पीड़िता मासूम की जिंदगी बचाने आगे आईं बिट्टू किन्नर

खेतासराय(जौनपुर): कहते हैं मानवता सबसे बड़ा धर्म है, और जब कोई इंसान दूसरे के दुःख में साथ खड़ा होता है, तो वही असली समाजसेवा कहलाती है। ऐसा ही उदाहरण पेश किया है किन्नर समाज की समाजसेविका एवं क्राइम रिसर्च इंटेलिजेंट ब्यूरो ट्रस्ट की किन्नर समाज की प्रदेश अध्यक्ष बिट्टू किन्नर ने।

जानकारी के अनुसार, झारखण्ड के निवासी संदीप कुमार सिंह की दो वर्षीय मासूम बच्ची दिब्या सिंह पिछले कुछ समय से ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है। उसका इलाज वाराणसी स्थित होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल में चल रहा है। लेकिन संदीप सिंह का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है। इलाज का खर्च बढ़ने के कारण परिवार की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी।

ब्लड कैंसर पीड़िता मासूम की जिंदगी बचाने आगे आईं बिट्टू किन्नर

इसी बीच जब यह जानकारी बिट्टू किन्नर को मिली, तो उन्होंने बिना देर किए मानवता का परिचय देते हुए मदद का संकल्प लिया। बिट्टू किन्नर स्वयं दो रक्तवीरों विशाल गुप्ता, शिवम सोनी के साथ तुरंत वाराणसी के कैंसर हॉस्पिटल पहुँचीं और वहाँ दो यूनिट रक्त एवं प्लेटलेट्स का दान कराया। उन्होंने बच्ची के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा भी दिया।

बिट्टू किन्नर ने कहा, डॉक्टरों ने बताया है कि बच्ची का इलाज लंबा चलेगा। ऐसे में इस परिवार को समाज के सहयोग की सख्त जरूरत है। यह किसी एक परिवार का नहीं, बल्कि मानवता की परीक्षा का समय है। मैं सभी लोगों से अपील करती हूँ कि आगे बढ़कर इस मासूम बच्ची की जान बचाने में सहयोग करें। उन्होंने आगे कहा कि समाज में आर्थिक असमानता के कारण अनेक बार गरीब परिवार इलाज के अभाव में अपने प्रियजनों को खो देते हैं, लेकिन अगर हर व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार थोड़ा-थोड़ा योगदान दे, तो न जाने कितनी जिंदगियाँ बच सकती हैं।

बिट्टू किन्नर ने क्राइम रिसर्च इंटेलिजेंट ब्यूरो ट्रस्ट के माध्यम से भी इस बच्ची के लिए आर्थिक सहयोग का अभियान चलाने की घोषणा की है। उनके इस कदम की सोशल मीडिया पर और आम जनता में व्यापक सराहना हो रही है। जहाँ समाज में किन्नरों को अक्सर हाशिए पर देखा जाता है, वहीं बिट्टू किन्नर जैसी समाजसेविकाएँ यह साबित कर रही हैं कि सेवा और करुणा का कोई वर्ग, लिंग या सीमा नहीं होती। उन्होंने कहा, हम किन्नर समाज केवल आशीर्वाद देने वाले नहीं हैं, बल्कि किसी के संकट में संबल बनने का भी सामर्थ्य रखते हैं।

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