पुलिस एनकाउंटर स्पेस्लिस्ट पर पत्नी ने लगाया सवालिया निशान ?
JAUNPUR CRIME NEWS जौनपुर। जौनपुर पुलिस का हाफ एनकाउंटर सवालों के घेरे में आ गया है बीते 20 दिसंबर को थाना सिकरारा पुलिस ने सौरव कुमार पाल नामक आरोपी को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार करने का दवा किया था उसके पैर में गोली भी लगी थी आरोपी के परिजनों ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि उसके बेटे सौरभ को 19 दिसंबर के दोपहर 1:00 बजे पुलिस ने कलापुर बाजार के पास नहर पुलिया के पास से उठाया। परिजनों को बताया गया की पुछ ताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा। दूसरे दिन पता चला कि सिकरारा पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया परिजनों का आरोप है कि पुलिस का आरोपी सौरभ को उठाए जाने का रास्ते का सीसीटीवी फुटेज भी उसके पास है जिससे पुलिस के दावों की पोल खुल रही है सौरभ की मां ने डीएम से मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर इंसाफ दिलाने की मांग की बताते चलें कि इस मामले में ए सी जे एम चतुर्थ धुर्वेश कुमार की अदालत ने भी पुलिस अधीक्षक को जांच टीम गठित करने का आदेश दिया है l
मंगलवार को डीएम कार्यालय व एसपी कार्यालय पहुंचती सौरभ कुमार पाल की मां ने दावा किया है उसका बेटा 19 दिसंबर को जरूरी सामान लेने के लिए अपने गांव शेख अशरफपुर के बगल कलापुर एचएफ डीलक्स बाइक से गया था वहां से खुटहन थाने के लगभग आधा दर्जन भर के पुलिसकर्मी उसे जबरदस्ती उठा ले गए खुटहन ले जाते समय इमामपुर बाजार समेत खुटहन के कई सीसी टीवी कैमरा में कैद हुई मां ने दावा किया कि गांव के कुछ युवकों ने सौरभ को ले जाते समय पुलिस को देखा था और मां ने कहा कि जब वह थाने पहुंची तो उसे बताया गया कि सौरभ को पूछताछ के लिए लाया गया है l
अभी छोड़ दिया जाएगा लेकिन शाम तक नहीं छोड़े जाने के बाद दूसरे दिन फिर पीड़िता मां थाने पहुंची तो पुलिस ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया उसी दिन शाम को पता चला कि उसके बेटे का थाना सिकरारा की पुलिस ने भर में ही चांदपुर नहर पुलिया के किनारे ले जाकर एनकाउंटर कर दिया और बाएं पैर में गोली मार दी। आरोपी की मां का कहना है कि उसके बेटों को गिरफ्तार करने की कहानी फर्जी व झूठी है उसने दावा से अपील की की पुलिस से जुड़े अधिकारियों की वजह है एक स्वतंत्र कमेटी बनाकर घटना की जांच कराई जाए ताकि उन्हें इंसाफ मिल सके बताते चले की यह ए सी जे एम चतुर्थ दुर्वेश कुमार ने भी पुलिस एनकाउंटर पर सवालिया निशान लगाए थे न्यायालय ने पाया था कि मुठभेड़ के दावे के बावजूद खाली कारतूस ,बुलेट प्रूफ जैकेट या ऐसा अन्य कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किया गया जिससे घटना संदेह घेरे में है अदालत ने जौनपुर पुलिस अधीक्षक को घटना के संबंध में जांच के लिए टीम गठित करने व तीन दिन के अंदर टीम गठित का सूचना देने का आदेश दिया था l
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