#जौनपुर में बिना दुल्हन वापस लौटे दूल्हे,गाली गलौज के बाद हुआ दंगल 

उतर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक गांव की बारात चर्चा का विषय बनी हुई है इस बारात में आधा दर्जन दूल्हे के साथ हजारो बाराती शामिल हुए थे। दोनो तरफ से हाथी,घोड़े,ऊंट,रथ पर सवार होकर दूल्हे गाजा बाजा,बैंड,डीजे के साथ गांव के पोखरे पर पहुंच गए। पोखरे के पश्चिमी तट पर कजगाव के दूल्हे मौजूद हो गए। वही पूर्वी तट पर राजेपुर के दूल्हे पहुंच गए। उसके बाद दोनो तरफ से एक दूसरे को गालियां देने का कार्यक्रम चलने लगा।

 आइये जानते है कजगांव के  ऐतिहासिक कजरी मेले  की कहानी 

इस ऐतिहासिक काचगांव कजरी मेले की कहानी कुछअलग है दरसल इस मेले के विषय में गांव के बूढ़े बुजुर्ग बताते है कि सैकड़ो वर्ष पहले राजेपुर गांव के ऐतिहासिक पोखरे में कच गांव की कुछ लड़कियां धान की जरई धोने गई हुई थी उसी समय जनपद जौनपुर के राजे पुर गांव की भी कुछ युवतिया भी पहुंची हुई थी दोनों गांव की लड़कियों के बिच लोकगीत कजरी सुरु हो गई जो लगातार दिन रात चलता रहा l

जिससे खुश होकर जददू साव नामक ब्यक्ति ने सं0 1918 कचगांव की लड़कियों का आदर सम्मान के साथ वस्त्राभूषण से सुसज्जित करते हुए उन बालिकाओ की विदाई तो कर दी मगर उस समय उस गांव में लड़कियों का रात्रि में रुकना कुछ लोगो के विचार धारा के खिलाफ था जो कुछ कर तो नहीं सके मगर गाली गलौच तक ही यह बात ख़त्म हो गई  तब से इस मेले का आरम्भ हुआ जो आज भी जारी है क्षेत्र के लोग कहते है कि तभी से दोनों गांव के दूल्हे एक दूसरे गांव के बारातियो से दुल्हन की मांग करते चले आ रहे है जो आज एक प्रेम और सौहार्द की परंपरा का रूप धारण कर चुकी है l 

आज भी दोनो पक्षों के लोग जनपद जौनपुर में अपने दूल्हों के लिए एक दूसरे से दुल्हन मांग रहे। शनिवार को इस भयंकर गाली व अनोखे मेले के हजारों स्त्री पुरूष व अन्य गवाह बने। महिलाओं ने शादी का गीत गाया। मेला देखने के लिए अन्य जनपद के लोग भी शामिल हुए।मेले में आयी महिलाएं जहा श्रृंगार प्रशाधन का सामान खरीदा। झूले व चरखे का आनंद लिया।बच्चों  के खिलौने खरीदे। बड़े बुजुर्गों ने गृहस्ती का सामान खरीदा।

कजगाव का ऐतिहासिक कजरी मेला हुआ सम्पन्न


देर शाम को सब अपने अपने घर लौट गए इस प्रकार जफराबाद थाना क्षेत्र के राजेपुर पोखरा पर शनिवार को ऐतिहासिक कजरी का मेला हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न। इस ऐतिहासिक मेले में अरविन्द कुमार पटेल,छोटेलाल यादव,मानवेंद्र कुमार प्रधान,अबरार शाह,आदि ने काफी अहम योगदान दिया।वही सुरक्षा की दृष्टि से कई थानों की फोर्स तथा एक प्लाटून पीएसी लगायी गयी थी। थानाप्रभारी जयप्रकाश यादव,इंस्पेक्टर क्राइम सजंय सिंह एस आई पवन सिंह,कुसुम,आदि लगातार चक्रमण करते रहे।

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