जौनपुर :वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ, जौनपुर की कुलपति से हुई सकारात्मक वार्ता। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में लंबे समय से चले आ रहे स्ववित्तपोषित शिक्षकों की शोध-निर्देशक मान्यता संबंधी विवाद पर आज बड़ी राहत मिली। कुलपति प्रो. वंदना सिंह से हुई विस्तृत एवं सकारात्मक वार्ता में शोध-निर्देशक बनाने हेतु सार्थक पहल की गई है तथा Ph.D. उपरांत 5 वर्ष के शिक्षण अनुभव की अनिवार्यता को समाप्त करने यह भी मांग रखी गई। इस प्रकरण को विधायी समिति एवं विद्या परिषद में शीघ्र ले जाकर पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया।

इस वार्ता में स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अपनी जायज मांगें रखीं, जिन पर कुलपति ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए तत्काल समाधान का आश्वासन दिया।प्रतिनिधि मंडल में डॉ. विजय प्रताप तिवारी, डॉ. सुशील मिश्र, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. छविनाथ उपाध्याय उपस्थित रहे।संघ के इकाई अध्यक्ष डॉ. सुशील कुमार मिश्र ने वार्ता उपरांत प्रेस को जारी बयान में कहा कि,कुलपति के सौहार्दपूर्ण एवं दूरदर्शी रवैये से आज हमारी लंबी लड़ाई को सफलता मिली है। 5 वर्ष अनुभव की बाध्यता हटने से हमारा वैधानिक अधिकार बहाल होगा। हम विश्वविद्यालय प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित करते हैं और शीघ्र लिखित आदेश जारी होने की अपेक्षा करते हैं।”संघ ने सभी स्ववित्तपोषित शिक्षक साथियों से एकजुटता बनाए रखने तथा आगामी कार्यवाही पर नजर रखने की अपील की है।जारीकर्ता




