गांव में नहीं थी किसी से कोई रंजिश
खुटहन :गभिरन मैरवां गांव निवासी व अवकाश प्राप्त क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी 65 वर्षीय रामकृपाल यादव का शव जिले के वाजिदपुर तिराहे के पास पाये जाने की खबर से सिर्फ उनका परिवार ही नहीं पूरे गांव के लोग हतप्रभ हैं। वह सीधे सरल और मिलनसार स्वभाव के थे। स्वजनों का कहना है कि उनका गांव में किसी से कोई पुरानी रंजिश भी नहीं है। घटना के पीछे क्या कारण है,यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।
गांव निवासी व खानदान के ही रिस्ते में उनके चचेरे भाई रायसाहब यादव ने बताया कि शनिवार को लगभग 11 बजे वह रामकृपाल के घर उनके साथ खाना खाया था। उसके बाद हम अपने घर चले गए। लगभग दो घंटे बाद जब फिर से राय साहब उनसे मिलने गए तो पता चला कि वे अपनी स्कूटी से कहीं चले गए। सुबह उनकी संदिग्ध मौत होने की सूचना मिलते ही लोग एक बार तो विश्वास ही नहीं कर सके। मौत की पुष्टि होने के बाद सभी की आंखें नम हो गईं।
मृतक की पत्नी,दो बेटे और बहुएं हैं अध्यापक
आर्थिक दृष्टि से भी मृतक रामकृपाल यादव का परिवार संपन्न माना जाता है। वह खुद समाज कल्याण विभाग से लगभग चार वर्ष पूर्व कार्यमुक्त हुए थे। इनकी पत्नी विद्या देवी परिषदीय विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर हैं। बड़ा पुत्र मनीष यादव घर पर रहकर खेतीबाड़ी करते हैं। दूसरे नंबर के अवनीश इंटर कालेज में तथा इनकी पत्नी सरिता प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। तीसरे पुत्र सौरभ यादव और इनकी पत्नी दोनों प्राइमरी में शिक्षक हैं। घर पर मृतक की पत्नी विद्या देवी तथा बड़ा पुत्र व बहू रहते हैं। तीसरे पुत्र सौरभ जौनपुर शहर में बने आवास में रह रहे हैं। मृतक रामकृपाल कभी गांव तो कभी शहर के आवास पर निवास करते थे