गोरारी रामलीला: प्रभु श्री राम ने बाली का किया वध, सुग्रीव का हुआ राज्याभिषेक
खेतासराय (जौनपुर) रामलीला भारत की प्राचीनतम और महत्वपूर्ण धार्मिक परम्पराओं में से एक है, जो हर वर्ष बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। इसमें भगवान राम के जीवन की घटनाओं का मंचन किया जाता है, जिसमें से प्रत्येक घटना धर्म, सत्य और न्याय का संदेश देती है। रामायण के हर प्रंसग में जीवन के किसी न किसी आदर्श की शिक्षा निहित होती है। ऐसे ही एक महत्वपूर्ण प्रसंग क्षेत्र के गोरारी बाजार में चल रहे श्री रामलीला समिति गोरारी द्वारा संचालित रामलीला में बाली वध एवं सीता की खोज लीले का मंचन किया गया। लीले के दौरान रावण द्वारा माता सीता का हरण करने के बाद राम और लक्ष्मण माता सीता की खोज में निकलते हैं। रास्ते में बूढ़ा जटायु मिलता है। जिसे रावण ने घायल अवस्था में करके छोड़ दिया था।
जटायु सारा वृत्तांत श्री राम को सुनता है। उसके बाद राम सबरी जो वर्षों से उनकी राह देख रही थी उसके पास पहुंचते हैं। सबरी के द्वारा जंगल से लाए हुए जुठे बेर खाकर बहुत प्रसन्न होते हैं। सबरी से आगे जाने का मार्ग पूछते हैं तो वह श्री राम को ऋषिमुख पर्वत के बारे में बताती है। जहां सुग्रीव अपने भाई बाली से छिपकर रहता है। श्री राम सुग्रीव, जामवंत, हनुमान आदि से मिलते हैं। सुग्रीव से मित्रता कर उसके भाई बाली का वध करते हैं। जब इसकी खबर बाली की पत्नी तारा मिलती है तो वह तुरंत वहां आती है और करुण क्रंदन शुरू कर देती हैं। दर्शक तारा के करुण क्रंदन सुनकर भाव विभोर हो जाते हैं। पंडाल में उपस्थित महिलाओं की आंखों में आंसू आ जाते हैं। इस दौरान मुख्य रूप से डॉ. अशोक यादव, सुल्तानी, सनी गुप्ता, अनिल प्रजापति, रामदवर प्रजापति, सुरेन्द्र प्रजापति, संदीप साहू, रोहित विश्वकर्मा समेत आदि लोग मौजूद रहे रामलीला के अंत में रामलीला समिति के अध्यक्ष नितेश कुमार मोदनवाद ने आगन्तुको के प्रति आभार व्यक्त किया।