सरकारी विद्यालय भागमलपुर से ज्यादा बच्चे प्राईवेट स्कूल में
खुटहन [जौनपुर ] भागमलपुर प्राथमिक विद्यालय व जूनियर हाईस्कूल में कभी दूर दराज गांव से बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थेयहां से शिक्षा प्राप्त बच्चे आज देश में बड़े पदों पर आसीन हैंलेकिन समय के साथ विद्यालय की रंगत उड़ती चली गईन सीसी टीवी कैमरे थे न रोज जांच अधिकारी आते थे पर शिक्षक आदरणीय थे उनके पढ़ाने के तरीके अनुशासन की आज भी चर्चा होती हैवेतन कम था पर उनकी ज़मीर में दम थाइस तिसरी पीढ़ी के सरकारी स्कूल से चंद कदम पर सरस्वती शिक्षा मंदिर का विद्यालय है जिसमें बच्चों की संख्या लगभग सरकारी स्कूल से दोगुनी हैजबकि प्राइवेट विद्यालय का खर्च अविभावकों के लिए महंगा पड़ता है पर यहां शिक्षा है अनुशासन हैं वहीं भागमलपुर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले चंद बच्चे इधर उधर टहलते दिखेंगेशिक्षको द्वारा अपने कर्तव्यो के प्रति उदासीनता के कारण नामचीन विद्यालय से ज्यादा बच्चे पास ही प्राईवेट स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं