जौनपुर : सुंदरकांड का नाम सुंदरकांड होने के पीछे कई कारण हैं: यह मुख्य रूप से हनुमान जी के ‘सुंदर’ चरित्र पर आधारित है, जिन्होंने माता सीता की खोज के लिए लंका की यात्रा की थी। इसके अलावा, यह घटनाएँ सुंदर पर्वत पर स्थित अशोक वाटिका में हुईं, जहाँ हनुमान जी की सीता माता से भेंट हुई थी. यह भी माना जाता है कि रामायण के इस प्रसंग में ‘सुंदर’ शब्द का प्रयोग कई बार हुआ है, जिसमें हनुमान जी के पराक्रम और सीता जी के संदेश से मिली ‘सुंदरता’ का वर्णन है। उक्त बातें मृत्युञ्जय महादेव धाम उमरछा में आयोजित सस्वर सुंदरकांड प्रतियोगिता में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजक सुशील कुमार उपाध्याय ने कही।
सुंदर कांड प्रतियोगिता के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि कुल 14 टीम भाग ले रही है कार्यक्रम हर महीने के प्रदोष के दिन होगा। निर्णायक मंडल के साथ साथ श्रोतागण भी अंक प्रदान करेंगे। आज मृत्युंजय महादेव धाम उमरछा में विषम परिस्थितियों के बावजूद सस्वर सुंदरकांड प्रतियोगिता अपने समय पर प्रारंभ हो गई। आज प्रतियोगिता में भाग लेने वाली टीम बाबा भक्त मंडली भिवरहा बख्शा जौनपुर के सदस्य सर्वेश उपाध्याय शिवम् उपाध्याय नितिन तिवारी अजय तिवारी और हरिओम मिश्र पूरी तरह सनातन वेशभूषा में समय पर उपस्थित होकर सुन्दरकांड प्रारंभ किया। आज सुंदरकांड प्रतियोगिता के पंडित हीरामन उपाध्याय और यजमान राजेश शुक्ल और उनकी पत्नी श्रीमती मनोरमा देवी रही।
सस्वर सुंदरकांड प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में सुधारक शुक्ल, सतीश कुमार उपाध्याय और कैलाश नाथ शुक्ल रहे, कार्यक्रम के सभी दर्शकों ने भी निर्णायक भूमिका में रहकर अपने पसंद के अनुसार अंक प्रदान किए। बाबा भक्त मंडली भिवरहा बक्शा के सभी सदस्यों को अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया गया।
उक्त अवसर पर रमाशंकर उपाध्याय,प्रभाकर,पद्माकर शुक्ल,अरविंद शुक्ल, लाल प्रताप सिंह,अशोक दुबे,ज्वाला प्रसाद मिश्र,नरेंद्र सिंह,मनोज यादव, विकाश शुक्ल,दिनेश शुक्ल,सुरेश उपाध्याय विनय प्रकाश शुक्ल जयनाथ यादव, सूरज, संतोष शुक्ल सहित अनेक भक्त गण उपस्थित रहे।