New generations have forgotten the tradition of Sanatan Dharma: Himesh Shastri Ji Maharaj
पश्चिमी सभ्यता के संस्कारों के वशीभूत होकर सनातन धर्म की परंपरा को विस्मृत कर चुकी नई पीढ़ियाँ : हिमेश शास्त्री जी महाराज
भागवत कथा के छठवें दिन रुक्मणि मंगल और कंस वध की कथा सुन परमानन्द की अवस्था में स्थित हुए श्रोता
शाहगंज जौनपुर। तहसील क्षेत्र के छताईं कला गांव में शीतला प्रसाद सिंह के निवास स्थान पर आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन भागवत प्रवक्ता हिमेश शास्त्री जी महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, मथुरा गमन ,कंस वध और रुक्मणी मंगल की कथा सुना कर श्रोताओं को परमानंद की की अवस्था में पहुंचा दिया। शास्त्री जी ने हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधन में कहा कि भारत के सनातन धर्म का पुरातन इतिहास रहा है।भारत पहले विश्वगुरु था जिसे पश्चिमी सभ्यता के संस्कारों के वशीभूत होकर हमारी नई पीढ़ियाँ सनातन की दिव्यता, विशालता, वसुधैव कुटुंबकम की भावना को विस्मृत कर चुकी हैं। हमारा देश केवल उपदेश, प्रचार – प्रसार और दिखावे से विश्वगुरु नहीं बनेगा। स्वयं के सुधार, बुराइयों को छोड़ने से विश्वगुरु बनेगा।उन्होंने कहा कि हमारे हृदय रूपी अयोध्या में श्री राम का वास तभी होगा जब हम अपने मन से संशय, वैर,भेद-भाव इर्ष्या भाव से मुक्त होंगे। इस अवसर पर डॉ उमेश चन्द्र तिवारी गुरुजी ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि सुईथाकला, ऋतुराज सिंह भाजपा नेता, विजय सिंह विधार्थी, अजीत प्रजापति सदस्य माटीकला बोर्ड उ. प्र.सरकार, राजेश सिंह जनरल मैनेजर टाईमैक्स, डॉ आलोक पालीवाल, डॉ. रणंजय सिंह शिक्षक संघ ब्लॉक अध्यक्ष सुईथाकला,रमेश चन्द्र तिवारी ,सत्येंद्र सिंह,नीतेन्द्र सिंह , विकास सिंह संदीप सिंह, अजय सिंह, दीपक सिंह,चतुर्भुज सिंह,राजेश पासवान ,सतई यादव ,धीरेंद्र कुमार सिंह,अजय सिंह सहित क्षेत्र के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।