Monday, December 23, 2024
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ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड की पढ़ें पूरी केस डायरी

ज्योतिषी रमेश तिवारी के परिवार को न्याय मिलने में लगे 11 साल 9 महीने,कोर्ट की पड़ी 477 तारीखे 



RAMESH TIWARI MURDER CASE JAUNPUR जौनपुर: जिले के सबसे बहुचर्चित हाई प्रोफाइल मर्डर केस की कहानी को क्या आप जानते है ,तारीख 15 नवम्बर साल था 2012 समय सुबह 9.बजकर 45 मिनट पर सरपतहा थाना क्षेत्र के ऊंचगांव निवासी ज्योतिषी रमेश तिवारी की उनके घर पर चढ़ कर पुलिस की वर्दी में आये बदमाशों ने कार्बाइन से गोली मार कर उनकी हत्या कर कर दिया था,पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के बेहद करीब होने के कारण ऊंचगांव में चली गोलियों की आवाज लखनऊ तक गुजी lलखनऊ पुलिस की फोन की घंटिया घनघनाने लगी मामला पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह से जुड़ा होने के कारण तत्कालीन डीजीपी स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे थे l

ज्योतिषी रमेश तिवारी गोली कांड में रमेश के भाई राजेश तिवारी भी घायल हुए थे उसी दिन राजेश ने रात्रि 8 बजकर 15 मिनट पर एफआईआर दर्ज करवाया था तब से चल रही पुलिस की तफ्तीश और अदालत का फैसला आने में 11 वर्ष 9 महीना 5 दिन लग गए 12 अगस्त को जौनपुर की अपर सत्र न्यायाधीश रुपाली सक्सेना ने फैसला सुरक्षित रखा 20 अगस्त 2024 को ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्या कांड के 12आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई 30 -30 हजार रूपये का जुर्माना लगाया 

 ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड की जड़ माना जाता है,गांव की राजनीती और परिवार से विवाद 

किसी भी हत्या में हत्या का मोटिव होना आवश्यक माना जाता है प्रधानी व टेंडर के विवाद के अलावा आरोपितों का ज्योतिषी के परिवार से था विवाद ज्योतिषी हत्याकांड में उमेश तिवारी व घायल राजेश तिवारी ने बयान दिया कि प्रधानी के चुनाव में धीरेंद्र की पत्नी उसके पिता से चुनाव में हार गई थीं, धीरेंद्र व अन्य आरोपितों की ज्योतिषी के परिवार वालों से गाली-गलौज हुई थी।इस बात को लेकर धीरेंद्र रंजिश रखते थे,इसके अलावा कस्तूरबा गांधी विद्यालय का टेंडर निर्माण वादी के पिता को मिला था। निर्माण की जांच के लिए धीरेंद्र अपने सहयोगियों लाल शंकर उर्फ बचई इत्यादि से मृतक रमेश के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिए थे। अमित सिंह ने गुरु जी के परिवार पर जानलेवा हमला किया था जिसका मुकदमा चल रहा था अन्य आरोपितों से भी कई बार कई मुद्दों को लेकर गाली-गलौज और मारपीट रमेश तिवारीके परिवार से हुई थी। सभी मिलकर शूटर शेर बहादुर व विपुल की मदद से ज्योतिषी की हत्या को अंजाम तक पहुंचाए।

ज्योतिषी रमेश तिवारी गोलीकांड के हत्यारों और षड्यंत्रकारियों तक कैसे पहुंची पुलिस 

जौनपुर ज्योतिषी हत्याकांड को पुलिस वर्दी में आए अज्ञात बदमाशों ने अंजाम दिया था। मृतक रमेश के भाई उमेश ने पुलिस वर्दी में आए दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था।घटना के समय सरपतहा थाना में थानाध्यक्ष योगेंद्र बहादुर सिंह थे। व पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी थीं। पुलिस महानिदेशक घटनास्थल पर पहुंचे थे। पीजीआई जाकर तिवारी के भाई का हाल-चाल भी लिया था। परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। थानाध्यक्ष योगेंद्र सिंह को हटा दिया गया। तत्कालीन थानाध्यक्ष चंदवक प्रशांत कुमार को 16 नवंबर 2012 को विवेचना मिली। पहली बार मुखबिर ने थानाध्यक्ष को जानकारी दिया कि धीरेंद्र सिंह की पत्नी 2010 में प्रधानी के चुनाव में ज्योतिषी रमेश तिवारी के पिता राजेंद्र तिवारी से हार गई थी।

तभी से धीरेंद्र और उनके पिता रमेश तिवारी के परिवार से रंजिश रखते थे। धीरेंद्र ने ही ज्योतिषी की हत्या का षड्यंत्र रचा जिसमें झारखंडे,बचई,अमित,तन्नू,वीरेंद्र, कौशल किशोर,विजय बहादुर आदि शामिल हुए। इन लोगों द्वारा दो शूटर गांव में लाया गया वीरेंद्र सिंह के घर घटना के एक दिन पूर्व रुकवाया गया।

  शूटर बिना नंबर की बाइक से पुलिस वर्दी में आकर ज्योतिषी रमेश तिवारी को मरी थी गोली 

अगले दिन 15 नवंबर 2012 को रमेश तिवारी के लोकेशन की जिम्मेदारी आरोपी वीरेंद्र सिंह व कौशल किशोर को दिया गया। उनकी गतिविधियों की सूचना पर शूटर बिना नंबर के मोटरसाइकिल से पुलिस वर्दी में आकर अत्याधुनिक असलहों से ताबड़तोड़ फायरिंग कर रमेश तिवारी की हत्या की।

पुलिस ने निकली थी सभी आरोपियों की काल डिटेल 

RAMESH TIWARI के सभी आरोपितों की कॉल डिटेल निकाली गई आरोपित एक दूसरे से बात किया तथा शूटर शेर बहादुर से भी बात हुई तत्पश्चात कड़ियां खुलने लगी। कुछ आरोपितों ने कोर्ट में सरेंडर किया कुछ गिरफ्तार हुए। पुलिस विवेचना में गवाहों के बयान के आधार पर पता चला कि कहां षड्यंत्र रचा गया। कहां प्लान को फाइनल टच दिया गया किसने गुरु जी की मुखबिरी की और कैसे हत्या की गई। शूटर को कहां ठहराया गया यह बातें भी गवाहों ने बताई।

   जानिए ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड का कहां रचा गया षड्यंत्र, शूटरो की क्या थी भूमिका

ज्योतिषी हत्याकांड में पुलिस विवेचना व कोर्ट में गवाहों के बयान के अनुसार ज्योतिषी हत्याकांड का शेर बहादुर उर्फ शेरू 22 अक्टूबर 2015 को जेल से रिहा हुआ। उसे सुल्तानपुर धीरेंद्र के फार्म हाउस पर ठहराया गया वहां बचई ,पंडित, विजय, सूबेदार आदि मौजूद थे। पुलिस विवेचना में गवाह ने आरोपितों को शूटर के साथ देखाथा। यहीं पर ज्योतिषी की हत्या की प्लानिंग की गई। दोनों शूटर शेर बहादुर व विपुल को धीरेंद्र सूबेदार इत्यादि फोर व्हीलर गाड़ी से रामनगर भड़सरा में गुड्डू उपाध्याय के मकान में लाए थे।

दोनों शूटर नाम बदलकर क्रमशः सोहेल और सोनू मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव बनकर ठहरे थे। रविंद्र गौतम का विवेचक ने बयान लिया तो प्रकाश में आया कि सूबेदार, तन्नू इत्यादि ने 15 -20 दिन दोनों शूटरों के खाने पीने की व्यवस्था किया। गुड्डू उपाध्याय के मकान में रहने वाले छात्र किराएदारों ने यह बात विवेचक को बताई। 26 अक्टूबर ,7 नवंबर, 10 नवंबर, 11 नवंबर को शूटर शेरू की लोकेशन जौनपुर में पाई गई। अन्य आरोपितों से वार्ता भी हुई। 14 नवंबर को रमेश तिवारी के जन्मदिन की पार्टी थी। वहां आरोपियों द्वारा दोनों शूटरों को गुरु जी को पहचानवाया गया। उसी रात आरोपित अरविंद के घर मीट की पार्टी हुई जिसमें सभी आरोपित व शूटर मौजूद थे। विवेचक ने गवाहों के बयान के आधार पर इस बात की पुष्टि किया।

इसी मीट पार्टी में गुरु जी की हत्या के प्लान को फाइनल टच दिया गया। दूसरे दिन सुबह दो आरोपी गुरु जी के घर उनके गतिविधियों पर निगाह लगाए हुए थे ।आरोपित बचई व पंडित पर आरोप है कि एक मोटरसाइकिल से यह दोनों तथा एक मोटरसाइकिल से दोनों शूटर गुरुजी रमेश तिवारी के मकान के निकट पहुंचे उसके बाद दोनों शूटरों को घटना को अंजाम देने के लिए भेजा गया। शेर बहादुर बाइक चला रहा था तथा विपुल मोटरसाइकिल पर पीछे बैठा था।

गुरुजी के सामने पहुंचते ही शेर बहादुर गाड़ी से उतरकर बोल गुरु जी नमो नमः और पिस्टल निकालकर गोलियां बरसाने लगा तभी मोटरसाइकिल पर पीछे बैठा विपुल कार्बाइन से गुरुजी पर गोलियां चलाने लगा।उन्हें बचाने गुरु जी के भाई राजेश आए। उन पर भी दोनों ने फायरिंग की। तत्पश्चात बचई पंडित व दोनों शूटर सर्वप्रथम की तरफ भाग निकले।सिम तोड़करफेंक दिया

जौनपुर ज्योतिषी हत्याकांड को अंजाम देने के पूर्व पुलिस विवेचना के अनुसार सभी आरोपित एक दूसरे से मोबाइल के जरिए वार्ता कर रहे थे। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों शूटर व दो अन्य आरोपित सरपतहा  की ओर भागे ।वहां रास्ते में सभी ने मोबाइल से अपना सिम तोड़कर फेंक दिया।अन्य आरोपियों ने भी अपने सिम तोड़ दिए और मोबाइल को स्विच ऑफ कर दिया। लेकिन सीडीआर में सभी आरोपीयों के मोबाइल नंबर पर एक दूसरे से वार्ता की बात घटना के कुछ दिन पूर्व व घटना के समय होना पाई गई ।

   ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड में पुलिस की वर्दी असलहा कहां से आया ?

jyotishee ramesh tivaaree hatyaakaand को अंजाम देने के लिए पुलिस वर्दी, शूटरों के लिए मोटरसाइकिल व मोबाइल की व्यवस्था की गई। पुलिस विवेचना के बयान के आधार पर पाया गया कि आरोपी शूटर शेर बहादुर के नाम से नेपाली मार्केट के लिबर्टी टेलर के यहां से दो पुलिस वर्दी सिलवाई गई जिसे लेने आरोपित सूबेदार,बचई इत्यादि गए।ओलंदगंज के बालाजी स्टोर से शूटरों के लिए दो मोबाइल लिए गए जिसे लेने बचई इत्यादि गए थे। इसके अलावा जिस बजाज बाइक से जाकर शूटर घटना को अंजाम दिए। पुलिस विवेचना के अनुसार धीरेंद्र ने ₹30,000 बचई को दिए। बजाज बाइक शेर बहादुर के नाम से मल्हनी स्थित एजेंसी से ली गई ।

उसकी रसीद इत्यादि भी विवेचक ने दाखिल किया असलहा की व्यवस्था आजमगढ़ से हुई जिसका पैसा धीरेंद्र ने दिया। 9 नवंबर को अमित को महाराजा गन हाउस भेज कर अपनी दो राइफल व पिस्टल धीरेंद्र जमा कराया। बचई व पंडित को अपनी टीवीएस मोटरसाइकिल शूटरों को लोकेशन व कवरेज देने के लिए दिया। साथ ही हथियार व कारतूस भी मोहैया कराए। शूटर विपुल ने आजमगढ़ में कार्बाइन का इंतजाम किया।शूटरों की दो वर्दी के 550 रुपए दिए गए। बचई व पंडित विवेचक को बताए कि कार्बाइन व पिस्टल धीरेंद्र द्वारा पैसा खर्च कर शेर बहादुर व विपुल द्वारा आजमगढ़ से व्यवस्था किया गया। आरोपित गोपालपुर सिधारी आजमगढ़ गए वहां कार्बाइन की व्यवस्था कर बजाज डिस्कवर बाइक से बोरे में बांधकर ले आए फिर दोनों शूटर जायलो में बैठे और गुड्डू उपाध्याय के मकान में आए। कार्बाइन, तीन पिस्टल व कारतूस की व्यवस्था हुई थी।

ज्योतिषी रमेश तिवारी की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पर डाक्टर का बयान 

जौनपुर ज्योतिषी हत्याकांड में मृतक रमेश तिवारी का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सुरेश चंद्र गुप्ता ने अपने बयान में बताया कि मृतक के शरीर पर 16 चोटें आई थी जिसमें 9 चोटें फायर आर्म की थीं। मृतक की मृत्यु अत्यधिक रक्तस्राव एवं शाक से हुई जो मृत्यु पूर्व फायर आर्म चोटों से आई।

ज्योतिषी हत्याकांड के बाद हटा दिए गए थे ADG कानून व्यवस्था

जौनपुर -हाई प्रोफाइल ज्योतिषी हत्याकांड मामले की जांच तत्कालीन प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अरुण कुमार के नेतृत्व में हो रही थी। इस हत्याकांड में प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा दिए थे इस वारदात के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिस अधिकारियों के जमकर क्लास ली ।मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए एडीजी कानून व्यवस्था जगमोहन यादव को हटा दिया था।

  ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड के कौन थे आरोपित और गवाह

जौनपुर सरपत के ज्योतिषी हत्याकांड में धीरेंद्र सिंह व उनके पिता झारखंडे, बचई उर्फ लाल शंकर उपाध्याय,अमित सिंह उर्फ पंडित, तन्नू उर्फ विनीत सिंह, वीरेंद्र बहादुर सिंह उर्फ डाही, कौशल किशोर सिंह, अरविंद सिंह , शैलेंद्र सिंह सरपतहां , सूबेदार मीरापुर सरायख्वाजा के तथा ग्राम भीटी सुल्तानपुर के पूर्व प्रधान विजय बहादुर सिंह, शूटर विपुल सिंह ,षड्यंत्र के आरोपित अमरजीत यादव आजमगढ़ के थे तथा शूटर शेर बहादुर सिंह अंबेडकर नगर का रहने वाला था।

शूटर शेर बहादुर की बेलांव घाट जफराबाद में पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी।

प्रथम गवाह मृतक के भाई उमेश चंद तिवारी परीक्षित हुए। दूसरे गवाह राम आसरे, तीसरे मृतक के घायल भाई राजेश चंद तिवारी परीक्षित हुए। उन्हें ठुड्ढी के नीचे गोली लगी थी। उन्होंने शूटर की कोर्ट में पहचान किया। चौथे गवाह अमरजीत मिश्रा, पांचवें गवाह शिवकुमार हरिजन परीक्षित हुए। घटना को देखना बताया। छठवें गवाह मृतक के पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सुरेश चंद्र गुप्ता, सातवें गवाह विवेक कुमार श्रीवास्तव थानाध्यक्ष वाराणसी, आठवें गवाह सुरेश सिंह,नवें गवाह कांस्टेबल उमाशंकर मिश्रा, दसवें गवाह राजेंद्र प्रसाद शर्मा उप निरीक्षक ,11 वें गवाह योगेंद्र बहादुर सिंह तत्कालीन थाना अध्यक्ष, 12वें गवाह प्रशांत कुमार प्रभारी निरीक्षक विवेचक, 13 वें गवाह विनोद कुमार दुबे, 14 वें गवार डॉक्टर शंकर नारायण ट्रामा सेंटर ,15 वें गवाह सत्य प्रकाश सिंह एसटीएफ, 16 वें गवाह राम आशीष यादव, 17 वें गवाह हसन, 18 वें निशानाथ, 19वें गवाह डॉक्टर कृष्ण कुमार परीक्षित हुए।

मुलायम सिंह के ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड का फैसला आने में लगे 11 वर्ष 9 महीना 5 दिन

जौनपुर सरंप्ताहा के ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड में 11 वर्ष 9 महीना 5 दिन बाद फैसला आया। मुकदमे में कुल 477 तारीख है पड़ी घटना 15 नवंबर 2012 की थी। पुलिस ने चार्जशीट 27 सितंबर 2013 को 13 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में दाखिल की। आरोपियों के खिलाफ सेशन कोर्ट में 11 मई 2015, 25 जुलाई 2015 को धारा 302/149, 307/ 149 व 120 बी आईपीसी में आरोप तय हुआ। आरोप के बिंदु पर कुल 46 तारीखें पड़ी। गवाहों के बयान 23 फरवरी 2016 से 18 नवंबर 2022 तक कुल 332 तारीखों में दर्ज हुए।कुल 19 गवाहों के बयान हुए। 1 दिसंबर 2022 से 5 अगस्त 2024 तक मुकदमे में बहस होती रही। बहस में कुल 98 तारीखें पड़ीं। अंतिम बहस 5 अगस्त 2024 को हुई और अंततः 20 अगस्त 2024 को मुकदमे में फैसला हुआ।

 20 अगस्त को ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड के आरोपियों को इन धाराओं में हुई सजा

Astrologer Ramesh Tiwari murder case jaunpur में अपर सत्र न्यायाधीश रुपाली सक्सेना की कोर्ट ने सभी 12 आरोपितों को धारा 302आईपीसी में आजीवन कारावास व प्रत्येक को ₹10,000 अर्थदंड अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास,हत्या के षड्यंत्र में आजीवन कारावास व प्रत्येक को 10,000 रुपए अर्थदंड अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास,धारा 307आईपीसी में सभी आरोपितों को 7 वर्ष कारावास एवं प्रत्येक को ₹5000 अर्थ दंड, अर्थदंड अदा न करने पर 3 माहअतिरिक्त कारावास तथा हत्या के प्रयास के षड्यंत्र में सभी को 7 वर्ष कारावास एवं प्रत्येक को ₹5000 अर्थ दंड ,कुल 30 -30 हजार का जुर्माना लगाया है l

यह भी पढ़े : जौनपुर- प्राथमिक विद्यालय के सामने कचरों का अम्बार,सफाई के नाम पर खाना पूर्ति


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