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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के गांव तक नहीं बन सकी सड़क

बरसात में कच्चा रास्ता बन जाता है झील

खुटहन (जौनपुर) देश की आजादी में अंग्रेजी सेना के खिलाफ बगावत में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले तथा देश‌ की आजादी के लिए जेल की हवा तक खाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का पैतृक गांव आज भी उपेक्षित है। देश आजाद हुए सात दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सेनानी के घर तक पक्की सड़क भी मयस्सर नहीं हो सकी।

लवायन गांव निवासी स्वर्गीय बामदेव उपाध्याय को आजादी की लड़ाई में जेल जाना पड़ा उनकी पत्नी स्वर्गीय दुर्गा देवी आदर्श गृहणी थी उनके दो पुत्र गिरीश व अरुण गांव में रास्ता न होने से यहां रहना ही छोड़ दिये,गांव के करीब पन्द्रह घर के लोगों को इसी कीचड़ पानी के रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है इसकी शिकायत भी जिम्मेदारो से वर्षों से हो रही है।

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