दुर्गा प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे बंगाल के मूर्तिकार

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तीन दशक से खेतासराय में मूर्ति बनाते है मूर्तिकार उत्तम पाल (दादा)

  • उत्तम पाल पिछली कई पीढियां यही काम करते चली आ रही है

खेतासराय (जौनपुर) शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 03 अक्टूबर से हो रहा है। जिसको लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। इस नवरात्रि में कस्बा में सजने वाले पंडालों का कार्य शुरू हो गया है। वही पंडालों के लिए मूर्ति बनाने वाले बंगाल के मूर्तिकार मूर्ति को अंतिम रूप देने में जुटे हुए है। चूंकि कही-कही नवरात्रि के प्रथम तो कही नवरात्रि के सप्तमी के दिन पंडालों में मूर्ति स्थापित कर पूज-अर्चना शुरू होती है। जिसके लिए नवरात्रि से पहले से मूर्तियों को पूरी तरह से अंतिम रूप दे देना है। जिसको लेकर मूर्तिकार दिनोंरात काम करने में जुटे हुए है। बंगाल के मुर्शिदाबाद बाद जिले से आये मूर्तिकार उत्तम पाल (दादा) ने बताया कि नवरात्रि से पहले मूर्तियों को पूरा करना है। इसके लिए दिनरात काम कर रहा हूँ। इनके साथ सहयोग में आधा दर्जन लोग साथ आये है जो मूर्ति बनाने वाले कार्य में हाथ बटाते है। उन्होंने एक सवाल के जबाव में बताया कि पहले सामग्री आसानी से मिल जाती थी लेकिन अब बहुत दिक्कत होती है। ज्यादातर समान कलकत्ता से खरीदकर लाता हूँ। हमारे में कम से कम दस हज़ार से लेकर तीस हजार तक की मूर्तियां है, ऑर्डर देने पर मन-मुताबिक तैयार कर देते है। मूर्तिकार उत्तम पाल ने बताया कि जय माँ विंध्यवासिनी दुर्गा पूजा महासमिति द्वारा आयोध्या में श्री रामचन्द्र जी लगी मूर्ति को हूबहू बनाने का आर्डर मिला है, जिसको हम हूबहू तरीके से जीवंत बना रहे है। उन्होंने यह भी बताया कि हमारी पिछली कई पीढ़ी यह काम करती चली आ रही है उसी काम को हम भी आगे बढ़ा रहे है। इनके द्वारा बनाई गई मूर्तियां गैर जनपद तक जाती है। उन्होंने कहा कि पिछली बार से अधिक मूर्ति बनाने का ऑर्डर इस बार मिला है। जिसको हम लगभग-लगभग तैयार कर चुके है। उन्होंने स्थानीय लोगों के सहयोग के बारे में बताते हुए कहा कि सब लोग हम को परिवार की तरह समझते है। तीस साल से लगातार मूर्ति चले आ रहे है। मूर्ति बनाने के लिए छः माह पहले आ जाते है और उसकी तैयारी करने में जुट जाते है।

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