Spotlight Will the storm bring darkness? Can the earth sink into darkness? डॉ.दिलीप कुमार सिंह
धरती और सूर्य का संबंध अद्भुत है धरती सूर्य से ठीक उतना ही दूर है जितनी दूर पृथ्वी पर जीवन पेड़ पौधे और हरियाली और पानी जन्म ले सकता है और टिक सकता है अभी तक असंख्य आकाशगंगा वाले अनंत ब्रह्मांड में केवल हरी नीली पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जहां पर जीवन पाया जाता है और यह सभी सूर्य के कारण है ऐसा परिक्रमण और परिभ्रमण के कारण होता है इस समय दुनिया के बहुत से वैज्ञानिक संस्थान और वैज्ञानिक यह दावा कर रहे हैं कि मई के अंत और जून जुलाई महीने में धरती पर भयंकर सौर आंधियों और सौर ज्वालाओं के कारण अंधेरा छा सकता है और विद्युत तथा इलेक्ट्रॉनिक संबंधी चीज जैसे कंप्यूटर लैपटॉप मोबाइल इंटरनेट एवं नौवहन सिस्टम नष्ट भ्रष्ट हो सकता है क्या ऐसा सचमुच संभव है आइए इस पर गंभीरता से विचार करें l
वास्तव में चंद्रमा पृथ्वी की पृथ्वी सूर्य की और सूर्य आकाश गंगा की और आकाशगंगा विराट आकाशगंगाओं के समूह की परिक्रमा करता है जो अंत में विराट ब्लैक होल और व्हाइट होल की परिक्रमा करते हुए अनंत में समाहित हो जाता है इसी अनंत से सृष्टि उत्पन्न होती है और इसी में सब कुछ समाहित हो जाता है लेकिन यहां हमारा विषय सूर्य है प्रत्येक 11 12 वर्ष में सूर्य का तापमान अचानक बहुत बढ़ जाता है ऐसा सूर्य पर ताप नाभिकीय अभिक्रियाओं और चुंबकीय क्षेत्र के विस्फोट होने के कारण होता है जैसा कि सभी लोग जानते हैं सूर्य विराट अग्नि का भयंकर धधकता हुआ एक पिंड है जो धरती से 13 लाख गुना बड़ा है इसकी सतह का तापमान लगभग 7000 डिग्री सेल्सियस और केंद्र का तापमान डेढ़ से 2 करोड़ डिग्री सेल्सियस होता है जहां पर कोई भी वस्तु ठोस अवस्था में नहीं रह सकती क्योंकि धरती की कठोर से कठोर और मजबूत से मजबूत वस्तु भी 5000 डिग्री सेल्सियस पर भाप बनकर उड़ जाती है ऐसे में इन सौर ज्वालाओं और सौर आंधियों का क्या प्रभाव धरती पर पड़ने जा रहा है अभी 15 16 मई के आसपास अमेरिका चीन और अफ्रीका के अनेक भागों में सूर्य के सक्रिय भाग के पृथ्वी की तरफ होने के कारण विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों में भयानक गड़बड़ी आई थी और नेविगेशन सिस्टम नष्ट भ्रष्ट हो गया था हो गया था और ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि म ई के अंतिम भाग जून जुलाई में इसका गहरा और व्यापक प्रभाव धरती के चुंबकीय क्षेत्र पर और ओजोन मंडल पर पड़ने वाला है l

: डॉ.दिलीप कुमार सिंह :
Spotlight सके कारण दुनिया भर के मोबाइल कंप्यूटर लैपटॉप डेस्कटॉप टैबलेट इंटरनेट और विद्युत यंत्रों पर वायु और अंतरिक्ष यानू अंतरिक्ष स्टेशनों इत्यादि पर इसका गहरा असर पड़ेगा और अनेक महत्वपूर्ण चीजें हमेशा के लिए बर्बादहो सकती हैं क्योंकि सूर्य में जो विस्फोट होता है वह बहुत ही भयानक और प्रचंड होता है और वह विद्युत और प्रकाश की गति से चलता है और रास्ते में आने वाले हर चीज को कहां से नहस कर देता है इसका मानव पशु पक्षियों और फसलों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।
इसके पहले 2014 ईस्वी में सूर्य पर होने वाले प्रचंड विस्फोट और विद्युत चुंबकीय रेडिएशन ने धरती पर भयानक तबाही मचाई थी और अमेरिका यूरोप के अनेक भागों पर इसका भीषण प्रभाव पड़ा था और तब इस सिस्टम को बनाने के लिए बहुत अधिक परिश्रम करना पड़ा था इन कर ज्वालामुखी और सौर आंधियों का कारण सूर्य के द्रव्यमान में हो रही भयंकर ताप नाभिकीय अभिक्रियाएं हैं जिससे प्रचंड विस्फोट और भयंकर उर्जा निकल रही है इस ऊर्जा की गणना करना बड़ा मुश्किल है इन ताप नाभिकीय क्रियाओं के कारण सूर्य का तापमान अचानक बहुत अधिक बढ़ जाता है और प्रबल चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण होता है जिसमें प्रचंड विस्फोट के कारण भयानक सौर ज्वालाएं उत्पन्न होती हैं जो रेडियोएक्टिव रूप में प्रकाश की गति से धरती की तरफ दौड़ती है और केवल 8 मिनट 20 सेकंड में धरती पर पहुंच जाती है सूर्य के प्रबल विद्युत चुंबकत्व के कारण लाखों किलोमीटर की महा भयानक ज्वाला है उत्पन्न होते हैं जो निर्वात में बहुत तेजी से फैलती रहती है।
इस प्रकार सूर्य पर जब तप नाभिकीय अभिक्रियाएं मंद होती हैं तब सूर्य का तापमान घट जाता है और काले काले धब्बे दिखाई देते हैं जिन्हें ब्लैक स्पॉट कहते हैं तो उसका अर्थ यह होता है कि सूर्य की सतह का तापमान कम है लेकिन जब यह लाल नारंगी होते हैं तो सूर्य का तापमान बाढ़ जाता है और ऐसा हर 11 12 वर्ष में होता है जब यह सौर आंधी उतरी और दक्षिणी ध्रुव में पहुंचता है तो उसे मेरुप्रभा करते हैं जिसे अंग्रेजी में अरोरा कहा जाता है इस रहस्य को हमारे ऋषि मुनि प्राचीन काल से अच्छी तरह जानते से और इस मेरु प्रभा का बहुत विस्तार से वर्णन किया गया है की किस तरह से या उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर सुंदर दृश्य पैदा करती है
सारे वैज्ञानिक और विचारक चिंतित है कि उसका कितना भयानक प्रभाव सौर ज्वालाओं और सौर आंधियों का धरती पर पड़ेगा इसके बारे में बार-बार चेतावनी दी जा रही है और इसका विद्युत चुंबकत्व और इलेक्ट्रॉनिक्स पर कितना असर पड़ेगा । और इसके प्रभाव से अंतरिक्ष में घूम रहे हो और अंतरिक्ष स्टेशन प्रभावित ना हो जाएं और धरती पर सारा जीवन अचानक ठप होकर धरती अंधेरे में न डूब जाए क्योंकि ऐसा हुआ तो उसका भयानक नुकसान होगा और दुर्भाग्य से हर 11 वर्ष की तरह इस समय भी सूर्य का सबसे सकरी गर्म विद्युत चुम्बकत्व वाला भाग पृथ्वी की तरफ है प्रकाश की गति से चल रहे इन कर ज्वालामुखी और सुर आंधियों का प्रभाव कंप्यूटर लैपटॉप डेस्कटॉप इंटरनेट ट्यूब लाइट अंतरिक्ष स्टेशन हवाई जहाज पानी के जहाज के अलावा पशु पक्षियों और मानव मस्तिष्क पर अग्रसर डालकर धरती पर उन्माद हिंसा मारकाट युद्ध और पागलपन के स्थिति बड़ा सकती है जिसका नुकसान अभूतपूर्व होगा
इस प्रकार सौर आंधियां सौर ज्वालाएं सौर कलंक ताप नाभिकीय क्रियाएं और विद्युत चुंबकत्व को लेकर लोगों में गहरी जिज्ञासा और डर है कि आखिर सचमुच क्या होगा हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र के अनुसार इसका थोड़ा बहुत असर तो पड़ सकता है और पड़ेगा लेकिन धरती पर अंधेरा छा जाने वाली ऐसी कोई घटना नहीं घटने जा रही है और न धरती और आसमान पर स्थित विद्युत चुंबकीय इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हवाई जहाज जलन अंतरिक्ष स्टेशन इत्यादि पूरी तरह नष्ट और बर्बाद होंगे हां इतना अवश्य है कि अपने मोबाइल कंप्यूटर लैपटॉप सेल फोन बिजली की चीज और इलेक्ट्रॉनिक के सामानों में सावधानी आवश्यक हैं l