राम वनगमन पर श्रोता हुए भाव विभोर    

0
83

JAUNPUR NEWS [जौनपुर खुटहन ] यूनिक आईडिया एजूकेशन पब्लिक स्कूल मरहट के प्रांगण में आयोजित आठ दिवसीय संगीत मयी श्रीराम कथा के छठवें दिन शनिवार को राम वनगमन, भरत मिलाप तथा राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनाया गया। कथा वाचक पंडित धर्मराज तिवारी जी महराज ने कहा कि भरत जैसा भाई इस कलयुग में मिलना मुश्किल है। राम -केवट का प्रसंग सुन पंडाल में बैठे स्रोता भाव विभोर हो गए।

श्री महराज ने राम कथा में कहा भगवान राम मर्यादा स्थापित करने को मानव शरीर में अवतरित हुए। पिता की आज्ञा पर वह वन चले गए। भगवान राम वन जाने के लिए गंगा घाट पर खड़े होकर केवट से नाव लाने को कहते हैं, लेकिन केवट मना कर देता है और पहले पैर पखारने की बात कहता है। केवट भगवान का पैर धुले बगैर नाव में बैठाने को तैयार नहीं होता है। राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनकर श्रोता भक्ति विभोर हो गए।

उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के द्वारा स्थापित आदर्श समाज में आज भी कायम है। भगवान प्रेम भाव के भूखे है।वे अपने भक्तों के कल्याण हेतु सदैव ततपर रहते है।महाराज जी ने भैया भरत के चरित्र को गाकर बताया और कहा भरत ने भगवान राम के वनगमन के बाद खड़ाऊं को सिर पर रखकर राजभोग की बजाय तपस्या की। कहा कि जीवन में भक्ति और उपासना का अलग महत्व है। निष्काम भाव से भक्ति करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस मौके पर सुभाष उपाध्याय, सुधाकर सिंह, संतोष सिंह ,रामाश्रय उपाध्याय, जिला जीत यादव,सुरेंद्र सिंह प्रदीप ,लकी सिंह ,गीता उपाध्याय ,रमापति मिश्रा, राजेन्द्र सिंह, प्रधान संतलाल सोनी, सत्येन्द्र सिंह, ब्रह्मचारी सिंह, रमेश सिंह, तहसीलदार चौरसिया,विवेक सिंह, सुमन सिंह, पुनीता सिंह,वेवी सिह ,मंजू सिंह,आभा सिंह, ऋषि केश तिवारी,राणा प्रताप सिंह,आदि मौजूद रहे l

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here