जौनपुर । तीन दिन से चर्चा का विषय बना शाहगंज तहसील के नायब तहसीलदार लपरी के प्राइवेट चपरासी द्वारा जिलाधिकारी को नायब तहसीलदार से मिलने वाले घूस के रुपयों को 500 से 1000 हजार बढ़ाए जाने की मांग वाला प्रार्थनापत्र जांच के बाद फर्जी पाया गया, पिछले तीन दिनों से समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित खबर जिसमे तहसील शाहगंज कार्यालय में राजाराम नामक व्यक्ति द्वारा स्वयं को निजी कर्मचारी के रुप में कार्यरत बताया गया है।
उक्त के क्रम में प्राथमिक स्तर पर 05 सितम्बर को उप जिलाधिकारी शाहगंज द्वारा उक्त प्रकरण की जांच की गई जिसमे पाया गया कि वर्तमान में राजाराम नाम से कोई कर्मचारी कार्यालय में कार्यरत नहीं है।
इसी क्रम में पुनः प्रार्थना पत्र की जांच दिनांक 6 सितंबर को अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) द्वारा की गई। जांच के दौरान पाया गया कि कोई भी अन्य/निजी कर्मचारी कार्यालय में कार्यरत नहीं है इस संबंध में तहसीलदार लपरी व तीन अधिवक्ताओं ने लिखित बयान भी दिया। अध्यक्ष/महामंत्री अधिवक्ता समिति द्वारा लिखित रुप में उक्त शिकायत का खंडन करते हुए कहा गया है कि इस नाम से कोई कर्मचारी कार्यालय में कार्यरत नहीं है।
इस संबंध में श्री राजाराम पुत्र स्व0 फूलचंद निवासी ग्राम बीरी शमशुद्दीनपुर तहसील शाहगंज द्वारा बयान दिया गया है कि उनके नाम से झूठा प्रार्थना पत्र दिया गया है, वर्तमान में वे पंजाब में दवा फैक्ट्री में कार्यरत है।
उपरोक्त प्रकरण/प्रार्थना पत्र की जांच अपर जिला अधिकारी (वि0/रा0) और उपजिलाधिकारी के स्तर से पृथक पृथक रूप से किये जाने पर पाया गया है कि यह खबर भ्रामक एवं निराधार है।