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दिल में छेद वालों तीन शिशुओं को मिलेगा जीवनदान:-डा. समरीन

राष्ट्रीय बाल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत सालभर में डेढ़ दर्जन बच्चों को मिली नई ज़िंदगी

खेतासराय (जौनपुर) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सोंधी की आर.बी.एस.के. टीम ने इस वर्ष 18 शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों को चयनित करके राष्ट्रीय बाल विकास कार्यक्रम के तहत सफल इलाज कराया और उन पीड़ित परिवारों के परिजनों में मुस्कान बिखरने का काम किया है। जानकारी के अनुसार प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. रमेश चंद्रा के निर्देशन में गुरुवार को दिल में छेद से पीड़ित तीन शिशुओं को चयनित करके सफल इलाज के लिए अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा जाएगा। जिसमें सालू पुत्री संजय निवासी गुरैनी (10 वर्ष) हृदय में छेद से पीड़ित आयुष कुमार पुत्र जितेन्द्र निवासी रुधौली (2.5 वर्ष) दिल में छेद अजितेश गुप्ता पुत्र रजनीश गुप्ता निवासी जपटापुर लगभग (3 वर्ष) मुखबाधिर जिसका इलाज कानपुर के लिए भेजा गया। इसके लिए यात्रा भत्ता के रूप में जिलाधिकारी के आदेश रेडक्रॉस ने प्रत्येक बच्चों को चार हज़ार नकदी देकर इलाज के लिए भेजा गया। उक्त लाभार्थियों को पीएचसी सोंधी पर चिकित्साधिकारी डा. सुधाकर चौहान व डॉ. फैजान ने यात्रा भत्ता राशि दिया। इस सम्बंध में बातचीत करने पर आर.बी.एस.के. के चिकित्सक डा. फैजान अहमद ने बताया कि इस तरह के शारीरिक रूप से असामान्य बच्चों को गाँव में टीम द्वारा चयनित किया जाता है और उसका सफल इलाज कराया जाता है। डॉ. समरीन शैला ने बताया कि इस वर्ष 18 विकलांग बच्चों को चयनित किया गया। जिसमें जन्म से दिल में छेद होने के पाँच, मुखबाधिर के पाँच, दो का पैर टेढ़ा तथा छः के होंठ कटे बच्चों का निःशुल्क सफल इलाज कराया गया और गुरुवार को तीन बच्चों को यात्रा भत्ता भी विभाग द्वारा दिया गया। कुछ परिवार ऐसे थे जो यात्रा के खर्च को वहन नहीं कर सकते थे। आर.बी.एस.के. की टीम हर वर्ष अपंग बच्चों के इलाज कराकर उनके परिवार में मुस्कान बिखरने का काम कर रही है। इस अवसर पर रश्मि सेठ अप्टोमेट्रिक राधेश्याम टण्डन, राहुल यादव आदि टीम में शामिल रहे।

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