UP government’s focus is more on liquor shops than schools
योगी के up सरकार का शिक्षालय से ज्यादा मदिरालय पर जोर 26हजार सरकारी स्कूल बंद, 27308 नए मदिरालय खुले। लगभग 50 हजार सरकारी विद्यालय फिर से बंद करने की तैयारी।
- आम आदमी पार्टी स्कूल बचाओ अभियान के तहत गांव- गांव में चलाएगी हस्ताक्षर अभियान व बांधेगी रक्षा सूत्र – डॉ. अनुराग मिश्रा
JAUNPUR UP NEWS जौनपुर। आम आदमी पार्टी के पूर्वांचल प्रांत प्रभारी डॉ०अनुराग मिश्र ने पार्टी कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योगी सरकार पर निशाना साधा।डॉ०अनुराग ने उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों को बंद करने और लगातार शराब की दुकानों में हो रही वृद्धि तथा देशभर में हर साल सरकारी स्कूलों से ड्रॉपआउट हो रहे लाखों बच्चों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने शिक्षा को ‘शेरनी का दूध’ कहा था, जो जितना पीएगा, उतना ही दहाड़ेगा। भारत अगर शिक्षित बनेगा, तभी विकसित बनेगा।
आम आदमी पार्टी योगी सरकार से प्रदेश के कम संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को मर्जर किये जाने सम्बन्धी 16 जून 2025 के आदेश पर तत्काल रोक लगाये जाने की मांग करती है। योगी सरकार ने बिना सोचे समझे आरटीई कानून का उलंघन करते हुए 16जून 2025 को एक शासनादेश निर्गत किया है ,जिसमें कहा गया है कि जो कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालय हैं।
उनको पास के बड़े विद्यालयों में पेयर कर दिया जाए।और बड़ी चतुराई से भ्रमित करने के लिए मर्जर को पेयर जैसी नई शब्दावली का नाम दिया गया है और जिले स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि मर्जर शब्द का प्रयोग कदापि ना करें।16 जून 2025 को जारी मर्जर आदेश में कहीं भी न्यूनतम अथवा अधिकतम संख्या का निर्धारण नहीं किया गया।प्रदेश के अलग-अलग जनपद अपने हिसाब से मर्जर हेतु सँख्या निर्धारण कर रहे हैं।कई जनपद 50 से लेकर 100 तक की संख्या पर भी मर्जर निर्धारण कर रहे हैं। 50 से कम संख्या वाले विद्यालयों को मर्जर करने पर प्रदेश के 27 हजार सरकारी स्कूल बंद होने का आंकड़ा था, लेकिन अब यह आंकड़ा लगभग 50 हजार हो जाएगा। इतने बड़े शिक्षक विरोधी, टीईटी पास बेरोजगार युवा विरोधी, शिक्षामित्र विरोधी एवं छात्र विरोधी निर्णय को इतनी गोपनीयता से लागू किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उक्त मर्जर आदेश से शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उलंघन किया गया है, जो की कानून का अतिक्रमण है।जारी शासनादेश से बाल अधिकार अधिनियम का भी उलंघन किया गया है।उक्त कानूनों के अनुसार ही गांवों में विद्यालय स्थापित किये गए थे। मर्जर की व्यवस्था लागू होने से प्रदेश के लगभग एक लाख पैंतीस हजार सहायक शिक्षकों के पद तथा सत्ताईस हजार प्रधानाध्यकों के पद एक साथ समाप्त हो जाएंगे। साथ ही जो विद्यालय बंद होंगे उनके शिक्षा मित्र की नौकरी भी खतरे में है।RTE एक्ट जो कि उत्तर प्रदेश में लागू है उसके भाग 3 धारा 4 में स्पष्ट लिखा है कि एक किलोमीटर की सीमा में विद्यालय होना आवश्यक है।इसे किसी शासनादेश के माध्यम से अतिक्रमित नहीं किया जा सकता। यह अनाधिकार चेष्टा है।RTE एक्ट में परिवर्तन करे बिना हर एक किमी पर स्कूल की अवधारणा में परिवर्तन संभव नहीं है।एक्ट में परिवर्तन शासन के आदेश से नहीं बल्कि विधायिका के द्वारा ही संभव है।प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के पद ना के बराबर रह जाएंगे।शिक्षा का अधिकार अधिनियम साफ़ कहता है कि 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को स्थानीय स्तर पर शिक्षा मिलना अनिवार्य है।फिर यह “मर्जर” किस अधार पर किया जा रहा है?क्या अब हम कानूनों को भी सुविधा के हिसाब से तोड़ने-मरोड़ने लगेंगे?? योगी सरकार का जोर अब शिक्षालय से ज्यादा मदिरालय पर है। योगी सरकार जब से सत्ता में आई है प्रदेश में लगभग 26 हजार स्कूल बंद हो गए, लगभग 50 हजार स्कूलों को बंद करने की तैयारी है, वहीं 2024 में 27308 शराब की दुकानों के लिए लॉटरी निकाली गई जिसके लिए 418111 आवेदन आए और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर योगी सरकार ने 2000 करोड रुपए कमा लिए।
इसके पहले जब अक्टूबर 2024 में योगी सरकार ने 50 से कम छात्र संख्या वाले 27 हजार स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई थी, उसे समय आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध किया था आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सरकार की इस नीतिकी आलोचना की थी।राज्यसभा सांसद एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह के आह्वान पर सरकारी विद्यालयों को बचाने के लिए प्रदेश व्यापी आंदोलन किया गया था जौनपुर में भी जिन गांवों में स्कूल बंद किये जाने की योजना थी, वहां आम आदमी पार्टी द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाया गया जिसके दबाव में उस समय बेसिक शिक्षा विभाग ने 4 नवंबर 2024 को ट्वीट कर इस खबर को झूठा और निराधार बताया था जो आज भी बेसिक शिक्षा विभाग के एक्स हैंडल पर मौजूद है। आम आदमी पार्टी योगी सरकार से मांग करती है कि वह इस शिक्षा विरोधी इस आदेश को तत्काल वापस ले और जब तक यह आदेश वापस नहीं होता आम आदमी पार्टी इस आदेश के विरोध में हर गांव में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी तथा बंद होने वाले विद्यालयों के मुख्य गेट पर पूरे गांव के नागरिकों के साथ रक्षा सूत्र बांधकर उन विद्यालयों को बचाने का संकल्प लेगी।
उक्त प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे जिलाध्यक्ष रामरतन विश्वकर्मा, जिला उपाध्यक्ष विजय सिंह बागी, विधि प्रकोष्ठ पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग त्रिपाठी, व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेश सचिव बंटी अग्रहरी, निवर्तमान जिला मीडिया प्रभारी अतुल कुमार तिवारी, अल्फसंख्यक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष जफर मसूद समेत तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे।