योगी की सड़क गड्ढा मुक्ति के दावे फेल करती सेंट थॉमस रोड

5000 से अधिक छात्र-छात्राओं का प्रतिदिन होता है आवागमन

बरसात के दिनों में जल भराव से युक्त सड़क से छात्रों और राहगीरों को भारी कठिनाई

शाहगंज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सड़कों की गड्ढा मुक्ति का खुलेआम दावा करते हैं किंतु सेंट थॉमस भादी रोड मुख्यमंत्री के दावे को खोखला साबित कर रही है। सेंट थॉमस इंटर कॉलेज और राजकीय महिला डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चे इसी क्षतिग्रस्त और गड्ढे युक्त सड़क से होकर आते जाते हैं। महज 700 मीटर लंबी सड़क है जिससे प्रतिदिन लगभग 5000 स्कूली छात्र-छात्राओं और हजारों राहगीरों का आवागमन होता है। इस सड़क पर विभिन्न विद्यालयों की बसें भी सुबह शाम सरपट दौड़ती रहती हैं।कई दशकों से टूटी सड़क बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढों में तब्दील हो गई है।सड़क के किनारे पटरी पर लोग सीढ़ियां और घर बनाकर अतिक्रमण करने वाले दबंग लोग लोक निर्माण विभाग और तहसील प्रशासन को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं।

चंद मीटर की दूरी पर तहसील और एसडीएम आवास है। इस सड़क से प्रशासन के आला अधिकारी भी गुजरते हैं लेकिन वह भी दबंगों के अतिक्रमण को नजरअंदाज करके निकल जाते हैं। प्रशासन की नाक के नीचे सड़क पर अवैध कब्जा सीएम योगी के जीरो टॉलरेंस की नीति की धज्जियां उड़ा रहा है। सड़क की पटरी पर अतिक्रमण से सड़क इतनी संकरी हो गई है मानो गली में तब्दील हो गई है।सड़क गली में बदल जाने से आने जाने वाले स्कूली वाहनों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है और जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है ।सड़क से अवैध अतिक्रमण हटवाना प्रशासन के लिए चुनौती का विषय बन गया है।यह अत्यंत व्यस्त सड़क है।नई सड़क बनवाना छात्र-छात्राओं उनके अभिभावकों,समय और आम जनमानस की मांग है। दो बड़े और प्रतिष्ठित कॉलेजों में पढ़ने वाले करीब 2000 छात्र-छात्राएं लगभग 20 किलोमीटर की परिधि से साइकिल से स्कूल आते जाते हैं। उक्त प्रकरण के संबंध में उप जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद सड़क पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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