विद्यालय में बच्चों की संख्या और शिक्षकों के अनुपात पर हाईकोर्ट सख्त

विद्यालय में बच्चों की संख्या और शिक्षकों के अनुपात पर हाईकोर्ट सख्त
विद्यालय में बच्चों की संख्या और शिक्षकों के अनुपात पर हाईकोर्ट सख्त

#High Court is strict on the ratio of number of children and teachers in school

उत्तर प्रदेश के विद्यालय में बच्चों की संख्या कम होने व शिक्षकों के अनुपात पर हाईकोर्ट का सख्त निर्देश 


प्रयागराज :इलाहबाद हाईकोर्ट ने आज शिक्षा पर सख्त निर्देश जारी किया है,विद्यालय में बच्चों की संख्या कम होने व शिक्षकों के अनुपात पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज व अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उ प्र से व्यक्तिगत हलफनामे में छात्र अध्यापक अनुपात पर सरप्लस अध्यापकों की पहचान, उनके समायोजन एवं उन्हें चिन्हित करने का  तरीका स्पष्ट करने का आज निर्देश दिया है और कहा है कि विभिन्न स्कूलों में समायोजन का पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाय। याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 8अगस्त नियत करते हुए तब तक तबादला करने पर रोक लगा दी है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने नीरजा व 50अन्य सहायक अध्यापकों की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचियों का कहना है कि गोविंद कौशिक व 116अन्य  इसी समान केस में हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशक बेसिक से प्राप्त जानकारी के अनुसार याचिका निस्तारित कर दी थी।और कार्यवाही छः हफ्ते में पूरी करने का निर्देश दिया था। निदेशक ने बताया था कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011के नियम 10के अनुसार सत्र 2024-25जो 11अप्रैल24 से शुरू हुआ है, में 30जून 24को स्कूलों में छात्र संख्या व अध्यापक के अनुपात को आधार मानकर समायोजन व तबादला किया जायेगा।

कोर्ट ने छः हफ्ते में लिस्ट तैयार करने का आदेश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी थी और कहा था कि फिर से वाद कारण उत्पन्न हो तो दुबारा कोर्ट आ सकते हैं। कोर्ट ने कहा उम्मीद थी कि राज्य प्राधिकारी छात्र अध्यापक अनुपात के अनुसार सरप्लस अध्यापकों का पता कर जिले में वरिष्ठता के अनुसार तैनाती जिले का पुनर्निधारण कर लेंगे। 31जुलाई 24को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने पत्र लिखा ,जिसमें सरप्लस के समायोजन का उल्लेख है। यह कार्यवाही लगता है जल्दबाजी में की गई है। कोर्ट कोई आदेश जारी करें इससे पहले सरकारी व बोर्ड के वकीलों ने जानकारी लेने की मोहलत मांगी।जिसपर कोर्ट ने समय दिया किंतु कहा जानकारी से काम नहीं चलेगा, अधिकारी व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करें। सुनवाई 8अगस्त को फिर से होगी।