मुम्बई से आये पर्सी गोदरेज डालीकुका ने फीता काटकर किया शुभारंभ
खेतासराय(जौनपुर): परंपरा, संस्कृति और श्रद्धा के रंगों से सराबोर गोरारी की ऐतिहासिक श्री रामलीला का भव्य शुभारंभ सोमवार की शाम मुकुट पूजन के साथ हुआ। वर्षो पुरानी इस परंपरा की शुरुआत हर बार की तरह पूरे धार्मिक उत्साह और विधि-विधान से की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुम्बई से आये 80 वर्षीय पर्सी बुजुर्ग गोदरेज डालीकुका ने फीता काटकर रामलीला मंचन का शुभारंभ किया।
मंच पर पूजा-अर्चना के उपरांत राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान एवं अन्य पात्रों के मुकुटों का पूजन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच किया गया। इसके बाद कलाकारों ने श्रीगणेश वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। पूरा मैदान जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा।
रामलीला समिति गोरारी के अध्यक्ष नितेश मोदनवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि लोक संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने बताया कि गोरारी का ऐतिहासिक रामलीला बहुत पुराना है और यह मंचन क्षेत्र की धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर बन चुकी है।
मुख्य अतिथि पर्सी गोदरेज डालीकुका ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की आत्मा उसकी परंपराओं में बसती है। उन्होंने कहा, रामलीला केवल एक नाटक नहीं, बल्कि यह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों को जीवन में उतारने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कलाकारों को शुभकामनाएँ दीं और आयोजन समिति को इस सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने के लिए सराहा। इस अवसर पर संरक्षक पूर्व प्रधान आनंद बरनवाल, उपाध्यक्ष लल्लन गुप्ता, निर्देशक प्रधान सन्दीप मौर्या, हरी मौर्या, अजय साहू (बब्लू), परमानंद, घनश्याम साहू, शिव कुमार, राहुल गुप्ता समेत आदि लोग मौजूद रहे।