JAUNPUR NEWS; जौनपुर : मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी” ने बाल दिवस पर जौनपुर में बच्चों को बांटे गर्म कपड़े;”इस सर्दी खुशियां बांटें” सत्र का भव्य आगाज। सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में अग्रणी संस्था “मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी” द्वारा संचालित कार्यक्रम “इस सर्दी खुशियां बांटें” के नए सत्र का शुभारंभ बाल दिवस (14 नवंबर) के शुभ अवसर पर जौनपुर के प्राथमिक विद्यालय ऊँचवा हौज, सिरकोनी में किया गया। इस मानवीय पहल के तहत, विद्यालय के बच्चों को कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े वितरित किए गए।
बच्चों के लिए गर्म कपड़ों का यह नेक सहयोग समाजसेवी अनुराग सिंघानिया द्वारा प्रदान किया गया। उन्होंने गर्म कपड़े “मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी” की टीम को सौंपे ताकि वे जरूरतमंद लोगों तक पहुँचाए जा सकें। विद्यालय स्तर पर इस सफल आयोजन की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापिका श्रीमती पूनम मिश्रा ने संभाली, जिसमें विद्यालय परिवार के अध्यापकों ने भी भरपूर सहयोग किया। मुख्य अतिथि डॉ. राजेश कुमार (असिस्टेंट प्रोफेसर, पूर्वांचल विश्वविद्यालय व संस्थापक, राजेश स्नेह ट्रस्ट ऑफ एजुकेशन) ने कहा “बाल दिवस पर यह आयोजन बच्चों के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी को दर्शाता है। गर्म कपड़े बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। मेरा मानना है कि समाज के सहयोग से ही हम हर बच्चे के लिए एक सुरक्षित और खुशहाल वातावरण बना सकते हैं।”विशेष अतिथि अनुराग मणि त्रिपाठी (एडवोकेट) ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा “सामाजिक कार्यों में भागीदारी करना केवल संस्थाओं का नहीं, बल्कि हम सभी का नैतिक कर्तव्य है। ‘इस सर्दी खुशियां बांटें’ कार्यक्रम केवल कपड़े बांटना नहीं है, यह एक सामाजिक संवेदना है, जो हमें जरूरतमंदों की मदद के लिए प्रेरित करती है। ऐसे नेक प्रयासों में सभी को सहयोग करना चाहिए।”
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पूनम मिश्रा ने आयोजन की सफलता पर आभार व्यक्त करते हुए कहा “हम अनुराग सिंघानिया जी और ‘मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी’ टीम के प्रति हृदय से आभारी हैं। हमारे विद्यालय परिवार के अध्यापकों के सहयोग से यह कार्यक्रम सफल हो पाया। यह पहल बच्चों को न केवल ठंड से बचाएगी, बल्कि उनमें सामाजिक सद्भाव की भावना भी जागृत करेगी।”
“मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी” के प्रणेता प्रदीप मिश्रा ने बताया कि पिछले कई वर्षों से हम “इस सर्दी खुशियां बांटें” कार्यक्रम के तहत लोगों से गर्म नए व पुराने कपड़े संग्रहित कर जरूरतमंदों तक पहुँचाते रहे हैं। यह सत्र उसी कड़ी का विस्तार है। उन्होंने आगे कहा कि “हमारा उद्देश्य स्पष्ट है—इस सर्दी में कोई भी बच्चा ठंड से परेशान न हो। यह कार्यक्रम हमें दिखाता है कि समाज का छोटा-सा सहयोग भी कितनी बड़ी खुशियाँ ला सकता है। हम भविष्य में भी ऐसे मानवीय प्रयास जारी रखेंगे।




