Home Blog शास्त्री जी ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे :शिव मोहन श्रीवास्तव

शास्त्री जी ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे :शिव मोहन श्रीवास्तव

जौनपुर। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा द्वारा 2 अक्टूबर को जिला अध्यक्ष नीलमणि श्रीवास्तव की अध्यक्षता में देश के यशस्वी पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ आभाकाम के राष्ट्रीय सचिव रवि श्रीवास्तव, कलेट्रेट कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष शिव मोहन श्रीवास्तव व केके जिलाध्यक्ष नीलमणि श्रीवास्तव द्धारा महान विभूतियों की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि करके किया गया।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिव मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि गांधी जी सत्य अहिंसा के पुजारी थे और शास्त्री जी ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे ईमानदार तो इतने जब व देस के प्रधानमन्त्री बने तो उनके पास कपड़े भी नहीं थे जो कपड़े थे व फटे पुराने,कही कालर फटा था। कई लोग उनको कपड़ा देना चाहे लेकीन वे लिए नही, और 1400 रुपए लोन के पैसे से अपने लिए दो सेट कपड़े बनवाए। राष्ट्रीय सचिव रवि श्रीवास्तव ने कहा कि शास्त्री जी की सादगी और इमानदारी कारण आज भी लोग उनको याद करते हैं भाजपा नेता अमित श्रीवास्तव ने कहा की गांधी जी और शास्त्री जी जैसे महान विभूतियों हम सब के आदर्श है आज कि युवा पीढ़ी को इस बात को बताने की आवश्यकता है। प्रदीप श्रीवास्तव डीओ ने कहा कि हरित क्रांति के जननायक थे शास्त्री जी “जय जवान, जय किसान” का नारा देकर देस की स्वावलंबी बनाने का काम किया। जिलाध्यक्ष नीलमणि श्रीवास्तव ने कहा कि शास्त्री जी का कार्यकाल हमने देखा है हमें अनाज के लिए दूसरे देश पर निर्भर होना पड़ता था उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण आज देश मजबूत हुआ है। चित्रांस् अनुराग श्रीवास्तव ने गाँधी व लाल बहादुर शास्त्री त्याग व ईमान दारी के प्रतिमूर्ति थे।


प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में आए हुए सभी लोगों का आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम का संचालन पंकज श्रीवास्तव ने किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से हरिश्चंद्र श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव एडवोकेट, शरद श्रीवास्तव , मयंक नारायण , मनीष अस्थाना कक्कू श्रीवास्तव , जय प्रकाश श्रीवास्तव, अनुराग श्रीवास्तव विजय, सौरभ, अनूप, प्रवीन श्रीवास्तव, ऋषि श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव, राजेश, मनीष श्रीवास्तव व अतुल श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद रहे।

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