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समस्याओं से जूझ रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुईथाकला

विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुईथाकला

[सुईथाकला शाहगंज]  बेहतर स्वास्थ्य सेवा ही मानव जीवन का आधार है। किसी भी समाज या देश की समृद्धि और विकास की परिकल्पना वहां की स्वास्थ्य सेवा ही साकार करती है। उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों और आम जनमानस तक स्वास्थ्य सेवाओं और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचा कर उनके जीवन को खुशहाल रखने के लिए सतत प्रयत्नशील है।जहां सरकार की मंशा गरीबों के जीवन स्तर को सुधार कर तमाम सुविधाओं से लैस करने के लिए प्रयासरत है वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुईथाकला तमाम समस्याओं से जूझ रहा है।जहां स्वास्थ्य सेवा से संबंधित उपकरण मशीन और स्वास्थ्य कर्मियों के स्टाफ की कमी है ।ऐसी स्थिति में बेहतर स्वास्थ्य सेवा और सुविधा लोगों को प्रदान करना चुनौती का विषय बन गया है।तमाम समस्याओं और चुनौतियों के बीच सामना करते हुए फिर भी आम जनमानस को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए सीएचसी के अधीक्षक डा.सूर्य प्रकाश यादव तत्पर हैं।स्वास्थ्य सेवाओं में कोई कमी न आए इसके लिए किसी को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े यथा संभव स्वास्थ्य सेवा लोगों को मिल रही है।

ये हैं समस्याएं-

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी है केवल दो डॉक्टरों डा. सूर्य प्रकाश यादव और डा. विक्रांत गुप्ता के ही भरोसे अस्पताल चल रहा है जबकि पांच चिकित्साधिकारियों की आवश्यकता है।स्टाफ में एक ही फार्मासिस्ट गंगाराम चौरसिया हैं। लिपिक और एक्स-रे के लिए टेक्नीशियन के अभाव से स्वास्थ्य केंद्र जूझ रहा है।एक ही फार्मासिस्ट लगातार कार्य कर रहा है।दो चिकित्सकों से ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप केंद्र पर नियमित रूप से स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना अत्यंत चुनौती पूर्ण कार्य साबित हो रहा है। जिन स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है उनके स्थान पर मौजूदा चिकित्सक काम करते हैं और उसके साथ अपनी भी ड्यूटी करते हैं।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समोधपुर और भैंसौली में नहीं हैं एक भी चिकित्साधिकारी

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समोधपुर और भैंसौली में एक भी चिकित्साधिकारी की तैनाती नहीं है।चिकित्सकों के अभाव में स्वास्थ्य सेवा आम जनमानस को प्रदान करना अत्यंत चुनौती पूर्ण साबित हो रहा है।

एक भी महिला चिकित्सक की नहीं है तैनाती

अस्पताल में कोई भी महिला चिकित्सक न होने के कारण महिलाओं को इलाज और उपचार में तमाम समस्याएं आ रही हैं। महिलाएं अपनी व्यक्तिगत समस्याएं पुरुष चिकित्साधिकारियों को बताने में संकोच महसूस करती हैं जिसके चलते उनका रोग और उनकी समस्या जस की तस बनी रहती है।खुलकर अपनी बात नहीं बता सकतीं।सबसे ज्यादा समस्या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को है।हर सुविधा संपन्न प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए उनके पास धन का अभाव है जहां महिला चिकित्सकों से वह अपनी बात कह सकें।सुल्तानपुर और जौनपुर जनपद की सीमा के अंतिम छोर पर स्थित होने के कारण जिला महिला अस्पताल करीब 55 किलोमीटर दूर है।किराए भाड़े की भी समस्या के कारण वह जिला अस्पताल इलाज के लिए नहीं जा सकतीं।महिला चिकित्सकों की कमी को पूरा करना क्षेत्र की महिलाओं और आम नागरिकों की मांग है।

बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना सबसे बड़ी प्राथमिकता:डा.सूर्य प्रकाश यादव

तमाम समस्याएं और चुनौतियां सामने होने के बावजूद उनसे संघर्ष करते हुए अस्पताल चलाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। पत्रकारों से बातचीत में अधीक्षक ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान,प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना,जननी सुरक्षा योजना, टीकाकरण आदि सेवाएं संचालित हैं ।प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की 2025 तक टीवी मुक्त भारत की परिकल्पना साकार होगी।गोल्डन कार्ड के लिए कैंप लगाया जा रहा है।90 फ़ीसदी लोगों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं।आम जनमानस को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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