Saturday, December 21, 2024
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  साइबर काइम के बारे में छात्रों को किया गया जागरूक 

जौनपुर :बच्चों को साइबर काइम के बारे में दी गई जानकारी  महिला कल्याण विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा पंचायत इण्टर कालेज मोकलपुर, मड़ियाहूॅ में महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं किशोर न्याय (बालकों का देख-रेख एवं सरंक्षण) अधिनियम 2015 यथासंसोधित 2021, यौन हिसा से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम एवं एक युद्व नशे के विरूद्व विषय पर जागरूकता गोष्ठी का आयोजन प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में किया गया।

कार्यक्रम बाल सरंक्षण अधिकारी चन्दन राय द्वारा किशोर न्याय (बालकों का देख-रेख एवं सरंक्षण) अधिनियम 2015 यथासंशोधित 2021, यौन हिसा से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की चर्चा करते हुए स्पान्सरशिप योजना मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य), मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि कन्या सुमंगला योजना अप्रैल 2024 से बढ़ी हुई धनराशि प्राप्त हो रही है। प्रथम श्रेणी बालिका के जन्म पर 5000 रू0, द्वितीय श्रेणी बालिका के एक वर्ष के टीकाकरण पूरा होने पर 2000, तृतीय श्रेणी बालिका के कक्षा 01 में नामंकन होने पर 3000, चतुर्थ श्रेणी बालिका के कक्षा 06 में नामांकन होने पर 3000, पंचम श्रेणी में बालिका कक्षा-09 में 5000, षष्ठम श्रेणी में बालिका का स्नान्तक या  समकक्ष में नामांकन कराने पर 7000 रू0 मिलने है इसका आवेदन ऑनलाइन किया जाता है।

इसके साथ ही विभिन्न हेल्प लाइन नं0 (1098, 181, 1090, 112, 102, 108,) के बारे मे बच्चो को जानकारी दी गयी एवं उनको प्रश्नो का भी जवाब दिया गया। पुलिस अधीक्षक, अजय पाल शर्मा के निदेशानुसार साइबर आफिसर साइबर थाना जौनपुर संग्राम सिह यादव बच्चो के बीच उपस्थित हुए और बच्चों को साइबर काइम के बारे में बताया कि किसी भी गैजेट को इण्टरनेट से कनेक्ट कर कुसित विचारो से किसी को क्षति पहुचाई जाती है, वह साइबर अपराध होगा। साइबर अपराध वर्तमान में दो तरह से प्रचलित है। धन के धोखाधड़ी का अपराध एवं सोशल साइट के अपराध। धन के अपराध के बचने के लिए आवश्यक है कि आप किसी भी अन्जान लिंक को क्लिक न करें। किसी अन्जान व्यक्ति द्वारा भेजे गये स्केनर को स्केन नही करें। किसी भी स्थिति में मे अपने मोबाइल पर आयी हुई ओ0टी0पी0 नही बतायें। हमेसा अपने मोबाइल के ऐप को 02 स्टैप वेरिफिकेशन में रेखे।

सब कुछ करने के बाद भी आप ओ0टी0पी0 नही बताते है तो आपका आर्थिक नुकसान नही होगा। ओ0टी0पी0 एक प्रकार से आपका डिजीटल सिग्नेचर है। सोशल साइट के अपराध में दूसरे की आई0डी0 बनाकर पैसे की मॉग कराना या डीप फोटो या विडियो बनाना बहुत ही गम्भीर विषय हो गया है। उन्होंने कहा कि सोशल साइट की सैटिंग में जाकर प्राइवेसी सुनिश्चित करे। हमेश 02 स्टैज वेरिफिकेशन रखें, जिससे आप सुरक्षित रखें, किसी अपरचित की विडियो काल आती हो तो उसे न उठायें अगर रिसीब करते है तो कैमरे को बन्द रखें। साइबर अपराध होने पर जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी आप टोल फ्री नं0 1930 पर शिकायत दर्ज कराये या अपने नजदीक थाने के साबर सेल पर जायें जितना जल्दी आप शिकायकत करेगे उतनी ही आपके धन के वापसी की सम्भावना ज्यादा होगी।

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