निरंकारी मिशन द्वारा नेवादा कचगांव में किया गया वृक्षारोपण 

जौनपुर : कचगांव रोड पर ग्राम नेवादा में रमना तालाब के पास ‘वननेस वन’ परियोजना को क्रियान्वित करने हेतु संत निरंकारी चैरिटेबिल फाउण्डेशन द्वारा मिशन के निरंकारी भक्तों एवं सेवादल सदस्यों द्वारा दोपहर 2:00 बजे से वृक्षारोपण अभियान का आयोजन क्षेत्रीय संचालक श्री अमरनाथ जी व श्री राजेश प्रजापति जी व श्री श्याम लाल साहू संयोजक के दिशा निर्देशन में किया गया। इस अवसर पर स्थानीय लोग भी मौजूद रहे। यह वृक्षारोपण अभियान जनपद के कई ब्रांचो में किया गया। सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं पूज्य निरंकारी राजपिता जी के दिव्य मार्गदर्शन एवं पावन आशीर्वाद से संत निरंकारी मिशन द्वारा पर्यावरण के संरक्षण हेतु सन् 2021 में ‘वननेस वन’ नामक मेगा वृक्षारोपण परियोजना का आरम्भ किया गया। इस परियोजना का लक्ष्य ‘वृक्षों के समूह’ (लघु वन) का रोपण एवं इनकी देखभाल करना था, जिसके स्वरूप में अब वर्ष दर वर्ष निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।

संत निरंकारी मण्डल के सचिव आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा जी ने जानकारी सांझा करते हुए बताया कि सन् 2021 में आयोजित ‘वननेस वन’ परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत संपूर्ण भारतवर्ष में लगभग डेढ़ लाख के करीब वृक्षों का रोपण किया गया। जिस उत्साह के साथ निरंकारी भक्तों द्वारा इन वृक्षों को रोपित किया गया था उसी उत्साह के साथ वर्ष भर निरंतर उनकी देखभाल भी की गई। जिसके परिणामस्वरूप इन ‘वृक्षों के समूह’ में इतना अधिक विस्तारण हुआ कि अब वह एक ‘लघु वन’ के रूप में प्रदर्शित हो रहा है। इन ‘वृक्षों के समूह’ पर प्रवासी एवं दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों की उपस्थिति भी देखी जा रही है जिनका अस्तित्व लगभग समाप्त हो चुका था। निःसंदेह प्रकृति संतुलन में इन सभी जीवों का अत्याधिक महत्व है।

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सन् 2022 में भी ‘वननेस वन’ परियोजना के दूसरे चरण का आयोजन अत्यंत उत्साहपूर्वक किया गया जिसमें वृक्षों की संख्या बढ़कर 2 लाख के करीब पहंुची। उसके उपरांत वर्ष दर वर्ष निरंतर इनकी संख्या में वृद्धि होती जा रही है और परिणामस्वरूप अब 2.50 लाख के करीब वृक्षों को रोपित किया जा चुका है जिनकी तल्लीनतापूर्वक निरंतर देखभाल भी की जा रही है। मिशन के सेवादारों द्वारा इन वृक्षों को फलित एवं पोषित रखने हेतु उन्हें स्थानीय जलवायु एवं भौगोलिक परिवेश के अनुसार ही रोपा जा रहा है जिसमें उनकी सुरक्षा एवं बढ़ोतरी के लिए उत्तम जैविक खाद, स्वच्छ जल एवं सिंचाई की नवीनतम तकनीकों का प्रयोग किया जाता है ताकि उनका संपूर्ण रूप से विकास हो सके।आज भारतवर्ष के लगभग 600 से अधिक स्थानों पर विशाल वृक्षारोपण अभियान के रूप में किया गया।

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